दुनियां – संस्कृति, खान-पान और क्रिकेट भारत-गुयाना को जोड़ते हैं…बोले PM मोदी – #INA
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच समानताओं पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृति, खान-पान और क्रिकेट भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ते हैं. गुरुवार को गुयाना में एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इंडो-गुयाना समुदाय और कैरेबियाई राष्ट्र के विकास में उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से तीन चीजें संस्कृति, भोजन और क्रिकेट भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ती हैं. प्रधानमंत्री बुधवार को यहां गुयाना पहुंचे, जो 50 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस देश की पहली यात्रा है.
उन्होंने इंडो-गुयाना समुदाय की भावना को सलाम करते हुए कहा, आपने आजादी और लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी है. आपने गुयाना को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने के लिए काम किया है. उन्होंने कहा कि छोटी सी शुरुआत से आप शीर्ष तक पहुंचे हैं. प्रवासी भारतीयों को राष्ट्रदूत कहते हुए मोदी ने कहा कि वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं.
भारतीयों से भारत को नहीं निकाल सकते
उन्होंने कहा, आप एक भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप एक भारतीय से भारत को नहीं निकाल सकते. प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इंडो-गुयाना समुदाय के लिए गुयाना अपनी मातृभूमि है और भारत माता अपनी पैतृक भूमि है. भारत के विकास के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रेरणादायक है बल्कि समावेशी भी है.
राष्ट्रपति अली को धन्यवाद
गुयाना के जॉर्जटाउन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए अपने घर के दरवाजे खोलने के लिए मैं राष्ट्रपति अली को धन्यवाद देता हूं. राष्ट्रपति अली और उनकी दादी के साथ, हमने एक पेड़ भी लगाया. यह हमारी पहल- ‘एक पेड़ माँ के नाम’ का हिस्सा है. यह एक भावनात्मक क्षण था जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा. मुझे गुयाना का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस प्राप्त करके बहुत सम्मानित महसूस हुआ.
जीवन जीने का एक तरीका
पीएम मोदी नेे कहा कि इंडो-गुयाना समुदाय की भी एक अनूठी भोजन परंपरा है, जिसमें भारतीय और गुयाना दोनों तत्व हैं- मैंने सुना है कि दलपुरी यहां लोकप्रिय है. क्रिकेट के प्रति प्रेम भी हमें बांधता है. यह सिर्फ एक खेल नहीं है बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है, जो हमारी राष्ट्रीय पहचान में गहराई से अंतर्निहित है.
गुयाना के लोग भारत के शुभचिंतक
पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के लोग भारत के शुभचिंतक हैं. आप भारत में हो रही प्रगति को करीब से देख रहे होंगे. सिर्फ 10 साल में भारत 10वें सबसे बड़े देश से आगे बढ़ गया है. अर्थव्यवस्था 5वीं सबसे बड़ी और जल्द ही हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. हमारे युवाओं ने हमें दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बना दिया है. हम मंगल और चंद्रमा तक पहुंच गए हैं.
दो शताब्दियों के बंधन का जश्न
वहीं गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है कि मैं आज इस सभा में आप सभी का स्वागत कर रहा हूं. यह सभा लगभग दो शताब्दियों के बंधन का जश्न मनाती है. गुयाना में भारतीय उपस्थिति हमारे देश के इतिहास में एक उल्लेखनीय अध्याय है. इसकी शुरुआत 186 साल पहले हुई थी, जब 1838 में गिरमिटिया आप्रवासियों के रूप में पहले भारतीय यहां पहुंचे थे. कृषि से व्यापार तक, शिक्षा से संस्कृति तक, खेल से व्यवसाय तक, भारतीयों ने गुयाना को आकार देने में योगदान दिया है. हमारे त्योहारों, व्यंजनों और परंपराओं में स्पष्ट भारतीय संस्कृति की जीवंतता हमारी राष्ट्रीय पहचान का एक अभिन्न अंग बन गई है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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