दुनियां – सिनवार को मारकर भी इजराइल का मकसद है अधूरा…बंधकों की वापसी अब और मुश्किल – #INA
इजराइल अपने सबसे बड़े दुश्मन को मौत के घाट उतार चुका है. हमास और हिजबुल्लाह दोनों ही इस वक्त नेतृत्व संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में इजराइल ने सोचा होगा कि हमास की बिना कोई शर्त माने वह अपने बंधकों को छुड़ा सकता है, लेकिन वह गलत है.
हमास ने अपने चीफ याह्या सिनवार की मौत पर शोक जताते हुए साफ कर दिया है कि जब तक गाजा युद्ध खत्म नहीं होता तब तक वह बंधकों को नहीं छोड़ेगा. कतर स्थित हमास के अधिकारी खलील अल-हया ने एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो बयान में कहा, ‘बंधक वापस नहीं आएंगे…जब तक कि गाजा में हमारे लोगों के खिलाफ हमला बंद नहीं होता है.’
नेतन्याहू और हमास शर्तों पर अड़े
इससे पहले इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सिनवार की मौत को हमास के पतन में एक मील का पत्थर बताया था. उन्होंने कहा था कि अगर हमास के लड़ाके सभी बंधकों को छोड़ दें तो उनकी जान बख्शी जा सकती है. नेतन्याहू ने X पर एक पोस्ट कर हमास से सरेंडर करने की मांगों को दोहराया.
उन्होंने कहा कि, ‘गाजा के लोगों के लिए मेरे पास एक संदेश है- यह युद्ध कल समाप्त हो सकता है, लेकिन ये तभी समाप्त हो सकता है जब हमास अपने हथियार डाल दे और हमारे बंधकों को वापस कर दे.’यानी नेतन्याहू चाहते हैं कि पहले बंधक रिहा हों तभी वह गाजा में जंग रोकेंगे उधर हमास का कहना है कि जब तक गाजा पर इजराइली हमले नहीं रुकेंगे तब तक वह बंधकों को रिहा नहीं करेगा.
आसान नहीं होगी बंधकों की रिहाई
हमास चीफ सिनवार के मारे जाने के बावजूद मामला फिर शर्तों पर अटक गया है. इस्माइल हानिया की मौत के बाद माना जा रहा था कि सिनवार डील करने में सख्ती दिखा रहा है इसलिए गाजा युद्धविराम और बंधकों की रिहाई से जुड़ी डील मुमकिन नहीं हो पा रही है. लेकिन अब साफ है कि भले ही हमास ने पिछले कुछ महीनों में अपने 2 बड़े लीडर खो दिए हों लेकिन वह बंधकों की रिहाई इतनी आसानी से नहीं करने वाला जैसा इजराइल और अमेरिका समेत उसके सहयोगियों ने सोचा था.
अब और मुश्किल हुआ समझौता!
दरअसल 62 वर्षीय सिनवार को 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड माना जाता था, इस हमले में करीब 1200 इजराइलियों के मारे जाने का दावा किया गया था वहीं लगभग 250 लोगों को हमास के लड़ाकों ने बंदी बना लिया था. फिलहाल हमास के कब्जे में अब भी 101 बंधक हैं, जिनमें से 34 के बारे में इजराइली अधिकारियों का कहना है कि वो मर चुके हैं. माना जा रहा है कि याह्या सिनवार की मौत के बाद इन बंधकों की रिहाई अब और भी मुश्किल हो सकती है क्योंकि इजराइल को एक नए सिरे से युद्धविराम डील पर बात करनी होगी, गाजा में जंग रोके बिना अगर नेतन्याहू बंधकों को रिहा कराने का ख्वाब देख रहे हैं तो यह फिलहाल मुमकिन नजर नहीं आता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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