दुनियां – हिंदुओं के लिए ट्रंप की कथनी और करनी में फर्क नहीं…कैबिनेट में शामिल किए ये हिंदू चेहरे – #INA

ट्रंप कैबिनेट में उनके दोस्तों और दिग्गजों के साथ-साथ दो बड़े हिंदू चेहरों को भी जगह मिली है. चुनाव से पहले ट्रंप ने जो वादा किया था उसे उन्होंने बखूबी निभाया है. अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने अमेरिका की पहली हिंदू कांग्रेसवुमेन तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर (DNI) चुना है. इससे पहले ट्रंप ने एलन मस्क के साथ भारतवंशी विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) को लीड करने के लिए चुना है.
दरअसल राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप ने दीपावली की बधाई देते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो हुए हमलों पर चिंता जताई थी. उन्होंने अमेरिकी हिंदुओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ने और भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मिलकर साझेदारी को मजबूत करने का भरोसा दिलाया था. नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने अपने वादे को पूरा करते हुए कैबिनेट में न केवल इन दो बड़े हिंदू चेहरों को शामिल किया है, बल्कि अहम जिम्मेदारी भी सौंपी है.
डेमोक्रेट से ट्रंप कैबिनेट तक का सफर!
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर चुना है. टीम ट्रंप में शामिल होने से पहले तुलसी गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी की लीडर रह चुकी हैं. वह अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुनी गईं पहली हिंदू महिला हैं. उनकी नियुक्ति का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘मुझे यह ऐलान करते हुए काफी खुशी हो रही है कि पूर्व कांग्रेसवुमेन और लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड DNI के तौर पर सेवा देंगी.’

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ट्रंप ने कहा कि पिछले 2 दशक से तुलसी गबार्ड अमेरिकियों की आजादी और देश के लिए लड़ रहीं हैं. प्रेसिडेंशियल नॉमिनेशन के पूर्व डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर उनके पास दोनों दलों का व्यापक समर्थन है. वह अब ‘प्राउड रिपब्लिकन’ हैं.
कौन हैं पहली हिंदू कांग्रेसवुमन तुलसी गबार्ड?
तुलसी गबार्ड 4 बार अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य रह चुकी हैं, 2020 में राष्ट्रपति उम्मीदवार के साथ-साथ वह न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलिंग ऑथर भी रह चुकी हैं. सियासी सफर के अलावा वह अमेरिकी सेना में भी सेवा दे चुकी हैं, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के वॉर जोन में 3 बार गबार्ड की तैनाती की जा चुकी है. वह हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी से रिपब्लिकन पार्टी की सदस्य बनी हैं. 30 अप्रैल 2024 को रिलीज हुई उनकी किताब ‘फॉर लव ऑफ कंट्री: लीव द डेमोक्रेटिक पार्टी बिहाइंड’ काफी प्रसिद्ध हुई और न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलर लिस्ट में यह किताब चौथा स्थान हासिल करने में कामयाब रही.
तुलसी गबार्ड हिंदू तो हैं लेकिन वह भारतीय नहीं हैं. उनका जन्म 1981 में अमेरिका के समोआ में हुआ था. लेकिन जन्म के दो बाद ही उनका परिवार हवाई शिफ्ट हो गया. गबार्ड के पिता रोमन कैथोलिक इसाई थे लेकिन मां कैरोल गबार्ड ने हिंदू धर्म अपना लिया और अपने बच्चों को भी हिंदू धर्म और संस्कृति की शिक्षा दी. अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू सदस्य के तौर पर जब तुलसी गबार्ड ने शपथ लिया तो उन्होंने भगवद् गीता पर हाथ रखा था.
ट्रंप कैबिनेट में क्या करेंगे विवेक रामास्वामी?
ट्रंप ने विवेक रामास्वामी और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गर्वमेंट इफिशियंसी (DOGE) का जिम्मा सौंपा है. खास बात ये है कि ट्रंप ने खुद इसकी तुलना द मैनहट्टन प्रोजेक्ट से की है. वो प्रोजेक्ट जिसके जरिए अमेरिका ने न्यूक्लियर बम बनाकर सारी दुनिया को हैरान कर दिया था. लेकिन DOGE को लेकर ट्रंप का मानना है कि यह भी द मैनहट्टन प्रोजेक्ट की ही तरह बहुत बड़ा बदलाव लाएगा.

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हालांकि उन्होंने अमेरिका के सरकारी विभागों के खर्च में कटौती, एजेंसियों की क्षमता में वृद्धि समेत फेडरल ब्यूरोक्रेसी में व्यापक बदलाव के लिए महज़ 530 दिनों का समय दिया है, यानी जब अमेरिका अपनी आजादी की 250वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब तक मस्क और रामास्वामी को यह काम पूरा कर लेना है.
‘प्राउड हिंदू’ हैं भारतवंशी विवेक रामास्वामी
विवेक रामास्वामी, वह शख्स हैं जो पहले डोनाल्ड ट्रंप को रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल उम्मीदवारी के लिए चुनौती दे रहे थे. लेकिन बाद में उन्होंने ट्रंप के समर्थन में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और खुलकर ट्रंप के लिए प्रचार किया. आज वह ट्रंप कैबिनेट में मस्क के साथ सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं. विवेक गणपति रामास्वामी का जन्म 9 अगस्त 1985 को हुआ था, उनके माता-पिता भारतीय थे और वह केरल के पलक्कड़ से अमेरिका जाकर बस गए थे. रामास्वामी ने हार्वर्ड कॉलेज और येल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. रामास्वामी अमेरिका में बायोटेक कारोबार का जाना माना चेहरा हैं. जनवरी में आई फोर्ब्स की एक रिपोर्ट मुताबिक उनकी कुल संपत्ति करीब 96 करोड़ डॉलर से ज्यादा है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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