दुनियां – America Election: अगर डोनाल्ड ट्रंप जीते तो भारत को क्या नुकसान होंगे? – #INA

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अब अपने खात्मे की ओर है, जल्द ही अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का नाम हमारे सामने होगा. व्हाइट हाउस की रेस में सबसे बड़े उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों की सोच और नीतियां काफी अलग हैं, लेकिन भारत के लिए राष्ट्रपति के तौर पर इनमें से कौन-सा उम्मीदवार ज्यादा मुफीद होगा यह समझना बेहद जरूरी है.
भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और अमेरिका सुरक्षा रणनीतियों और व्यापार के लिहाज से भारत का एक अहम साझेदार है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनावी प्रचार में बार-बार भारत पर ज्यादा सरचार्ज वसूलने का आरोप लगाते रहे हैं, उनके बयानों से साफ है कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो आने वाले 4 साल में भारत को लेकर उनकी रणनीतियां पहले कार्यकाल से काफी अलग हो सकती हैं.
ऐसे में हम जानने की कोशिश करेंगे कि अगर डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो भारत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
1. व्यापारिक नीति पर असर
डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत के साथ रिश्ते ठीक-ठाक ही रहे, वह अपनी चुनावी रैलियों में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त बता चुके हैं. लेकिन उन्होंने भारत पर भारी सरचार्ज वसूलने का आरोप भी लगाया है. ट्रंप ने इस मुद्दे पर जैसे को तैसा रणनीति अपनाने का दावा किया है. लिहाजा माना जा रहा है कि अगर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार की जीत होती है, तो भारत को लेकर ट्रंप की व्यापारिक नीति सख्त हो सकती है. ट्रंप जीते तो भारतीय उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा सकते हैं. जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार प्रभावित हो सकता है.
2. ट्रेड वॉर का बढ़ेगा खतरा
डोनाल्ड ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ के हिमायती हैं. वह भारत के साथ व्यापार तो करना चाहते हैं लेकिन सिर्फ अमेरिकी हितों का ध्यान रखते हुए. ऐसे में उनके पिछले कार्यकाल में शुरू हुए ट्रेड वॉर का एक बार फिर सामना करना पड़ सकता है. ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भारत ने स्टील और एल्यूमिनियम पर अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाया था, जिससे अमेरिकी लॉबी को काफी मिर्ची लगी थी. वहीं ट्रंप, भारत ही नहीं बल्कि चीन समेत दुनिया के कई देशों पर अधिक टैरिफ लगाने की वकालत करते रहे हैं ऐसे में उनकी नीतियां वैश्विक स्तर पर एक नए ट्रेड वॉर को जन्म दे सकती हैं.
3. नौकरीपेशा हो सकते हैं परेशान
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस जहां अप्रवासियों के लिए सॉफ्ट रुख अपनाती हैं तो वहीं डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर काफी आक्रामक दिखे हैं. वह अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति के तहत अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर करने की मांग का समर्थन करते हैं. ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप अगर दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो उनकी इमीग्रेशन पॉलिसी से अमेरिका में रहने वाले भारतीय नौकरीपेशा परेशान होंगे. ट्रंप प्रशासन इमीग्रेशन नियमों को सख्त कर सकता है, जिससे अकुशल कर्मचारियों पर असर पड़ सकता है हालांकि इससे IT क्षेत्र के लोगों को छूट दी जा सकती है, क्योंकि अमेरिका के IT सेक्टर में भारतीयों का अहम योगदान है.
4. क्षेत्रीय स्थिरता पर असर
डोनाल्ड ट्रंप काफी जुनूनी और आक्रामक फैसलों के लिए जाने जाते हैं. वह बाइडेन प्रशासन की तुलना में चीन के खिलाफ ज्यादा कड़े फैसले ले सकते हैं. इससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा कई सालों बाद भारत और चीन के बीच तनाव कम होता नजर आ रहा है, ऐसे में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर क्या भारत और चीन के संबंध प्रभावित होंगे यह देखने वाली बात होगी. हालांकि अमेरिका के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत सबसे बड़ा रणनीतिक साझेदार है, इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए भारत ही उसका सबसे भरोसेमंद सहयोगी है लेकिन देखना होगा कि ट्रंप, चीन और ताइवान के मुद्दे को लेकर कैसी रणनीति अपनाते हैं, क्योंकि हाल के दिनों में चीन इसे लेकर बाइडेन प्रशासन पर आग-बबूला है.
5. जलवायु परिवर्तन की अनदेखी
डोनाल्ड ट्रंप जलवायु परिवर्तन जैसे खतरों को हकीकत नहीं मानते हैं, अगर वह एक बार फिर व्हाइट हाउस की रेस जीतने में कामयाब रहे तो उनकी नीतियां पर्यावरण सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली होंगी, जिससे न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया पर असर पड़ सकता है. माना जा रहा है कि वह सबसे पहले पेरिस समझौते से हटने का फैसला ले सकते हैं, साथ ही साथ वह तेल ड्रिलिंग को प्रोत्साहन देंगे जिससे कच्चे तेल की कीमतें तो कम होंगी लेकिन इससे पर्यावरण के लिए खतरा बढ़ जाएगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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