दुनियां – Iran Israel Conflict: क्या बयानवीर बनकर रह गया इजराइल! मिसाइल अटैक के बाद ईरान का बाल भी बांका नहीं कर पाया – #INA

ईरान ने 1 अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था. इसके 23 दिन बाद भी दुनिया इजराइल के जवाब का इंतजार कर रही है. वो पूछ रही है कि बेंजामिन नेतन्याहू का देश ईरान पर कब पलटवार करेगा. 1 से 23 तारीख तक इजराइल की ओर से जुबानी हमले तो कई हुए. उसने लेबनान को निशाना भी बनाया. उसकी राजधानी बेरूत पर वार किए. हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह समेत कई कमांडरों को भी मार गिराया, लेकिन वो ईरान का बाल भी बांका नहीं कर पाया.
वैसे तो इजराइल की ओर से बयानों की झड़ी लगी हुई है. बुधवार को ही उसके रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा कि हम ईरान पर ऐसा हमला करेंगे कि दुनिया देखेगी. उन्होंने कहा कि ईरान में हमला करने के बाद दुनिया समझ जाएगी कि आपकी तैयारियों में क्या शामिल है. कोई भी दुश्मन जो इजराइल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उनके इस बयान के बाद ये चर्चा होने लगी है कि इजराइल ईरान को कितना नुकसान पहुंचाएगा. वो कितना बड़ा हमला करेगा और सबसे बड़ी बात हमला कब करेगा.
हमले में देरी की क्या हैं वजह?
इससे पहले अप्रैल में जब ईरान ने इजराइल पर हमला किया था तब बेंजामिन नेतन्याहू ने 6 दिन के अंदर ही पलटवार कर दिया था.
लेकिन इस बार इजराइल के जवाब देने की देरी में कई फैक्टर बताए जा रहे हैं. इसमें इजराइल और बाइडेन प्रशासन के बीच बातचीत. अमेरिका के एयर डिफेंस सिस्टम का इजराइल पहुंचना और यहूदी छुट्टियां शामिल हैं. अमेरिकी चुनाव भी अहम फैक्टर माना जा रहा है.
पिछले हफ्ते ईरान पर संभावित हमले का अमेरिका का खुफिया दस्तावेज लीक हुआ था, जिसमें इजराइल के सैन्य तैयारियों की बात कही गई. एक दस्तावेज में इजराइल के हाल के एक्सरसाइज के बारे में बताया गया. कहा गया कि कैसे इजराइल ईरान पर हमले के मिसाइल और हथियारों की तैनाती कर रहा है.
अमेरिका भी नाराज ना हो
जानकार कहते हैं कि इजराइल ईरान को अलग-अलग तरीके से टारगेट कर सकता है. ईरान की प्रॉक्सी ताकतें हिजबुल्लाह और हमास को कमजोर करने के बाद इजराइल अपने टारगेट को संतुलित करने की कोशिश कर सकता है, क्योंकि अमेरिका पहले ही चिंता जता चुका है.
उसका कहना है कि हमले से टकराव और बढ़ेगा. बताया जाता है कि बाइडेन प्रशासन ने इजराइल सरकार से कहा है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों और तेल उत्पादन स्थलों पर हमला करने से बचे. हालांकि अमेरिका ईरान में मिलिट्री ठिकानों पर हमला करने के लिए सहमति जा चुका है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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