दुनियां – LAC पर भारत-चीन के बीच पेट्रोलिंग का पहला राउंड पूरा, डेमचोक-देपसांग में सेनाएं अब ऐसे करेंगी गश्त – #INA

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग के टकराव वाले क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली है. इस प्रक्रिया के बाद दोनों देशों की सेनाओं ने एक पेट्रोलिंग का दौर भी पूरा कर लिया है. दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में हर हफ्ते एक समन्वित गश्त करने पर सहमति जताई है, जिससे डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के प्रभावी अमल को सुनिश्चित किया जा सके. यह समन्वय स्थानीय स्तर पर होता है और इसके ग्राउंड रूल स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद तय किए जाते हैं.
भारत और चीन की सेनाएं डेमचोक और देपसांग पर हुए पिछले समझौतों का पालन कर रही हैं, जो सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के मकसद से किए गए हैं. पेट्रोलिंग से दोनों पक्ष यह सुनिश्चित कर चुके हैं कि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया गया है. इसके अलावा, दोनों पक्ष इन विवादित क्षेत्रों में अस्थायी ढांचों को हटाने पर भी सहमत हुए हैं. इस सहमति से यह साफ हो गया है कि दोनों देशों ने लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं.
भारत और चीन अलग-अलग दिन करेंगे गश्त
पड़ोसी देशों ने अक्टूबर में दोनों क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर सहमति जताई थी और इसके बाद नवंबर की शुरुआत में पहली बार समन्वित पेट्रोलिंग का अभ्यास किया गया. रक्षा सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक अलग-अलग दिनों में गश्त करेंगे. इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी पक्ष को टकराव की स्थिति का सामना न करना पड़े और सीमा पर शांति बनाए रखी जा सके.
एलएसी पर बातचीत का दौर जारी
एलएसी पर स्थिरता बनाए रखने के लिए स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत लगातार जारी रहेगी. इन वार्ताओं में ब्रिगेडियर और समान रैंक के अधिकारी शामिल होते हैं, जो डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को और भी व्यवस्थित और प्रभावी बनाने का प्रयास करते हैं. इन बैठकों का मकसद दोनों देशों के बीच शांति सुनिश्चित करना और किसी भी नए मुद्दे का समाधान करना है. इसके तहत भविष्य में किसी भी संभावित विवाद को शांति से हल करने की व्यवस्था पर भी चर्चा होती है.
दिवाली पर दी गई थी मिठाई
इस साल, दिवाली के मौके पर 31 अक्टूबर को भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक बार फिर पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया. यह कदम दोनों सेनाओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक संकेत है. दोनों देशों के बीच मिठाइयों का यह आदान-प्रदान सीमा पर शांति और सहयोग का प्रतीक है, जो यह दर्शाता है कि भारत और चीन आपसी मतभेदों को दूर कर संवाद और समन्वय के जरिए संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में अग्रसर हैं.
इस घटना से बढ़ गया था तनाव
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून 2020 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इस संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि कई चीनी सैनिक भी मारे गए, जिनकी संख्या भारतीय सैनिकों से लगभग दोगुनी बताई जाती है. हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों की वास्तविक संख्या को कभी आधिकारिक तौर पर नहीं बताया. इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई और सीमा पर तनाव बढ़ गया था.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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