देश- अजब महाराष्ट्र की गजब सियासत: विधायक बनने की चाह में पार्टियों में बंटा परिवार, कोई बीजेपी में तो कोई शिवसेना-एनसीपी की चमका रहा राजनीति- #NA

नारायण राणे, गणेश नाईक, धनंजय महादिक, छगन भुजबल

महाराष्ट्र की सियासत इन दिनों अपने पूरे सियासी उफान पर है. सूबे की सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए (महायुति) और कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन (महा विकास अघाड़ी) के बीच शह-मात का खेल जारी है. टिकट न मिलने पर कोई बागी हो रहा, कोई आंसू बहा रहा, तो कोई सियासी ठिकाना तलाश रहा है. चुनाव लड़ने और विधायक बनने की चाह में परिवार भी सियासी दलों के बीच बंट गए हैं. ऐसे में बाप-बेटा और भाई-भाई अलग-अलग पार्टियों में अपनी राजनीति चमका रहे हैं.

महाराष्ट्र में पवार और ठाकरे परिवार ही दो सियासी धड़ों में नहीं बंटा, बल्कि राणे परिवार से लेकर नाईक कुनबे तक में यही स्थिति दिख रही है. शरद पवार और अजित पवार एक दूसरे के खिलाफ चुनावी आजमाइश के साथ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की अग्निपरीक्षा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे बीजेपी से सांसद हैं, तो उनके बेटे नीलेश राणे ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया है. गणेश नाईक बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो उनके बेटे संदीप नाईक ने शरद पवार की एनसीपी (एस) का दामन थाम रखा है.इसी तरह छगन भुजबल और उनके भतीजे अलग-अलग दल से चुनावी पिच पर उतरेंगे.

राणे परिवार बीजेपी और शिवसेना में बंटा

पूर्व सीएम और सांसद नारायण राणे बीजेपी के टिकट पर सिंधुदुर्ग से लोकसभा सांसद चुने गए हैं. नारायण राणे के छोटे बेटे नीतेश राणे सिंधुदुर्ग कणकवली सीट से विधायक हैं और एक बार फिर से बीजेपी के टिकट पर इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. ऐसे में नारायण राणे के बड़े बेटे नीलेश राणे राजनीतिक पाला बदलने जा रहे हैं. नारायण राणे बीजेपी सांसद हैं, तो उनके एक बेटे नीतेश राणे बीजेपी विधायक हैं. इस तरह से नारायण राणे और नीतेश बीजेपी में, तो नीलेश राणे टिकट की चाह में शिंदे की शिवसेना का दामन थामने जा रहे.

नारायण राणे के बड़े बेटे नीलेश राणे भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जिसके लिए कणकवली के ही बगल की सीट कुडाल सीट का सिलेक्शन किया है. कुडाल सीट बीजेपी के बजाय एकनाथ शिंदे की शिवसेना के कोटे में है. इसीलिए नीलेश राणे ने बीजेपी के बजाय शिवसेना से चुनाव लड़ने का मन बनाया है. माना जा रहा है कि सिंधुदुर्ग में राणे परिवार के सियासी वर्चस्व को देखते हुए एकनाथ शिंदे उन्हें चुनावी मैदान में उतार सकते हैं. नीलेश राणे का मुकाबला उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के वैभव नाईक से होगा.

नाईक परिवार बीजेपी और एनसीपी में बंटा

नवी मुंबई की सियासत में नाईक परिवार की तूती बोलती है. बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री गणेश के बेटे संदीप नाईक की राजनीतिक राह एक दूसरे से अलग हो गई है. बीजेपी ने गणेश नाईक को ऐरोली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है, लेकिन उनके बेटे संदीप नाईक ने विधायक बनने की चाह में बीजेपी को अलविदा कहकर शरद पवार की एनसीपी का दामन थाम लिया है. संदीप नाईक बेलापुर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन टिकट नहीं मिला तो राजनीतिक पाला बदल लिया है.

बेलापुर सीट पर मौजूदा बीजेपी विधायक मंदा म्हात्रे हैं, जिन्हें पार्टी ने एक बार फिर से मौका दिया है. शरद पवार ने अपनी पार्टी से संदीप नाईक को उतारा दिया है. गणेश नाईक 2019 तक एनसीपी में थे और चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन अब पिता बीजेपी में, तो बेटा शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गए हैं. इस तरह से नाईक परिवार दो धड़ों में बंट गया है. अब सवाल उठता है कि क्या बीजेपी गणेश नाईक के खिलाफ कार्रवाई करेगी क्योंकि शिंदे की शिवसेना ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है.

महादिक परिवार भी क्या बंट जाएगा?

बीजेपी के दिग्गज नेता धनंजय महादिक का परिवार भी दो दलों के बीच बंटने के कगार पर खड़ा है. धनंजय महादिक बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं. महादिक के बड़े बेटे कृष्णराज महादिक कोल्हापुर उत्तर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन सीट शेयरिंग में यह सीट शिंदे की शिवसेना के कोटे में चली गई है. धनंजय महादिक अपने बेटे के लिए देवेंद्र फडणवीस और सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है. शिंदे की पार्टी से राजेश क्षीरसागर कोल्हापुर उत्तर सीट से चुनाव लड़ने की रेस में हैं. शिंदे कोल्हापुर की सीट को नहीं छोड़ते हैं, तो धनंजय के बेटे कृष्णराज महादिक पाला बदलकर शिवसेना का दामन थाम सकते हैं.

भुजबल परिवार में क्या होगा बिखराव?

महाराष्ट्र के दिग्गज ओबीसी नेता छगन भुजबल का परिवार भी बिखराव के द्वार पर खड़ा है. छगन भुजबल डिप्टी सीएम अजित पवार के करीबी माने जाते हैं. अजित पवार के साथ छगन भुजबल ने शरद पवार का साथ छोड़ दिया था. छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल नासिक जिले के नंदगांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिननंदगांव सीट से मौजूदा विधायक सुहास कांदे शिंदे गुट में हैं. यह सीट शिंदे गुट की शिवसेना को मिली है, जिसके चलते अब वो सियासी पाला बदलने के मूड में है. एनसीपी (एस) के भी संपर्क में है, तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ भी अपना विकल्प तलाश रहे हैं. नंदगांव विधानसभा सीट महाविकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास है इसलिए अगर शरद पवार गुट को यह सीट नहीं मिली तो फिर समीर भुजबल ठाकरे की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science