देश – आम सभा में लिए गए सख्त निर्णय, DJ के निलंबन तक जारी रहेगी हड़ताल – #NA

Ghaziabad News :
कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के विरोध में वकीलों का आंदोलन जारी रहेगा। कचहरी में बृहस्पतिवार को हुई वकीलों की आम सभा में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है। बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि वकीलों ने आम सभा में सख्त निर्णय लिए हैं। आम सभा में पास किए गए प्रस्ताव के मुताबिक बेमियादी कलमबंद हड़ताल एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट, जिला जज के निलंबन,
अधिवक्ता कोर्ट गए तो सदस्यता रद्द होगी
आंदोलन के बीच में किसी अधिवक्ता कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होने पर पांच साल के लिए सदस्यता रद्द कर दी जाएगी, इसके साथ चैंबर का आवंटन भी रद्द किया जा सकता है। आमसभा में एक समन्वय समिति के गठन पर भी चर्चा हुई है। इस समिति में बार के पूर्व पदाधिकारी और वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल होंगे। आंदोलन की रणनीति पर यही समिति निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होगी। बृहस्पतिवार को कुछ वकील अदालत में उपस्थित होकर कार्य कर रहे थे। मामले की सूचना मिलने पर आंदोलनरत अधिवक्ता अदालत पहुंचे और वकीलों को बाहर निकाल दिया। साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया। आंदोलनरत वकीलों का कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती तब तक किसी भी अधिवक्ता को अदालत में उपस्थित होकर कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सोमवार को स्थगन प्रस्ताव पास किया था
सोमवार शाम को बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने तीन सप्ताह तक आंदोलन स्थगित रखने का प्रस्ताव पास किया था। भनक लगते ही फैसले नाराज अधिवक्ताओं ने बार सभागार के बाहर हंगामा किया था। मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन की सूचना पर एसोसिएशन ने एक दिन का शोक प्रस्ताव पास कर बुधवार से काम पर लौटने की बात कही थी, लेकिन आंदोलन स्थगन से नाराज अधिवक्तों ने मंगलवार को भी हंगामा करते हुए बार अध्यक्ष दीपक शर्मा को पुतला तक फूंक दिया था।
बुधवार का पूरा घटनाक्रम
बुधवार को आंदोलन स्थगन से नाराज अधिवक्ता धरने पर बैठ गए और कोर्ट की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर काम नहीं करने दिया। बुधवार को बार एसोसिएशन ने अपने आपको धरने से अलग रखा, हालांकि कार्यकारिणी उपाध्यक्ष शबनम खान धरने पर बैठे वकीलों के बीच पहुंची और आंदोलन जारी रखने की मांग का समर्थन भी किया। इस बीच शबनम खान को अध्यक्ष नामित करने की भी बात हुई और बृहस्पतिवार को आम सभा का ऐलान कर दिया गया।
आम सभा में क्या हुआ
आमसभा में हड़ताल जारी रखने और स्थगित करने के सवाल पर अधिवक्ताओं के बीच गर्मा गर्मी भी हुई लेकिन फिर वरिष्ठों के दखल पर वकीलों में एक राय बन गई और सभी ने मिलकर आमसभा में जिला जज के तबादले, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट और लाठीचार्ज के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय ले लिया।
क्या है पूरा मामला
29 अक्टूबर को जिला जज की अदालत में जिला जज और वकीलों के बीच हुई तीखी नोंकझोंक के बाद पहुंची पुलिस ने कोर्ट रूम में ही लाठीचार्ज कर दिया था। लाठीचार्ज के विरोध में आंदोलन कर रहे वकीलों की मांग है कि जिला जज का तबादला किया जाए और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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