देश – एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार- #INA

एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़

दिल्ली एनसीआर में एक गुप्त मेथामफेटामाइन मैन्युफैक्चरिंग लैब का भंडाफोड़ हुआ है, जिसे तिहाड़ जेल वार्डन और दिल्ली के दो व्यापारियों सहित पांच लोग चला रहे थे. पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एक बयान में कहा कि कसाना इंडस्ट्रियल एरिया में 25 अक्टूबर 2024 को छापेमारी की गई थी, जिसमें लगभग 95 किलोग्राम मेथामफेटामाइन ठोस और तरल दोनों रूपों में पाया गया.

बयान में बताया कि छापेमारी में एसिटोन, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, मिथाईलीन क्लोराइड, प्रीमियम ग्रेड इथेनॉल, टोल्यून, लाल फास्फोरस, ईथाइल एसीटेट जैसे रसायन और आयातित मशीनरी भी बरामद हुई. दिल्ली पुलिस और एनसीबी की ऑपरेशन यूनिट ने मिलकर इस लैब का भंडाफोड़ किया है.पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला कि गैर-कानूनी लैब को तैयार करने में दिल्ली के एक मैक्सिकन नागरिक कारोबारी की भूमिका प्रमुख रूप से सामने आई.

तिहाड़ जेल के एक वार्डन के साथ मौजूद था कारोबारी

पुलिस ने बताया कि कारोबारी ड्रग तैयार करने में जिन रसायनों की जरूरत होती थी, उसे वो उपलब्ध कराता था. इसके साथ साथ कारोबारी मशीनें खरीदने में भी मदद करता था. अधिकारी ने बताया कि लैब पर छापे के समय यह कारोबारी वहां तिहाड़ जेल के एक वार्डन के साथ मौजूद था. इसके अलावा अवैध धंधे में मुंबई का एक केमिस्ट भी पकड़ा गया है. पुलिस ने बताया कि यह केमिस्ट ड्रग तैयार करने की प्रक्रिया की जांच करता था.

तीन दिन की एनसीबी हिरासत में हैं आरोपी

एनसीबी के अनुसार, दिल्ली के व्यवसायी को पहले राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने एक अलग एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार किया था और उसे तिहाड़ जेल में रखा गया था, जहां वह वार्डन के संपर्क में आया जो बाद में उसका “सहयोगी” बन गया. अधिकारी ने कहा कि इन सभी लोगों को 27 अक्टूबर को विशेष नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (एनडीपीएस) अदालत में पेश किया गया, जहां इन्हें तीन दिन की एनसीबी हिरासत में भेज दिया गया है.

एनसीबी ने इस साल अब तक गुजरात के गांधीनगर और अमरेली, राजस्थान के जोधपुर और सिरोही और मध्य प्रदेश के भोपाल में कम से कम पांच गुप्त प्रयोगशालाओं का भंडाफोड़ किया है.


.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science