देश – कैसे घुला भारत और कनाडा के रिश्तों में जहर, 6 साल पहले शुरू हुई थी कहानी – #INA

भारत और कनाडा के रिश्ते एक बार तनावपूर्ण हो गए हैं। इस बार जांच के दायरे में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ बनाना विवाद की बड़ी वजह रही। दरअसल, पर्सन ऑफ इंटरेस्ट वह व्यक्ति है, जो संदिग्ध है लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि, भारत और कनाडा के बिगड़े रिश्तों की कहानी आज की नहीं है, बल्कि इसकी शुरुआत 6 साल पहले यानी 2018 से मानी जा सकती है। उस दौरान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत दौरे पर थे।

फरवरी 2018

फरवरी 2018 को ट्रूडो भारत दौरे पर थे। करीब एक सप्ताह लंबी इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच रिश्तों को बेहतर करना था और व्यापार को बढ़ावा देना था। तब खबरें आई कि कनाडा में भारतीय राजनेता के हत्या के आरोपी जसपाल अटवाल को लिबरल सांसदों के तरफ से दो कार्यक्रम में बुलाया गया था, जिसमें ट्रूडो भी शामिल हुए थे। कहा जाता है कि इस घटना ने यात्रा को खासा प्रभावित किया था।

जून 2023

कनाडाई न्यूज वेबसाइट सीबीसी के अनुसार, तब ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कनाडा में विदेशी दखल के लिए भारत को सबसे बड़ा जिम्मेदार बताया था।

जून की शुरुआत में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक परेड के दौरान झांकी को अनुमति देने के फैसले की आलोचना की थी, जिसमें 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाया गया था।

इसके दो सप्ताह बाद ही 18 जून को खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की सरी बीसी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। निज्जर की मौत के बाद भारतीय अधिकारियों के खिलाफ जमकर विरोध जताया गया।

सितंबर 2023

तब अचानक कनाडा ने भारत के साथ प्रस्तावित संधि पर बातचीत बंद कर दी। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मेरी एनजी ने भी अक्टूबर के लिए तय भारत के अपने मिशन को स्थगित कर दिया था। इस एक सप्ताह बाद 18 सितंबर को ट्रूडो ने कहा कि कनाडा की खुफिया एजेंसियां निज्जर की मौत और भारत सरकार के बीच कनेक्शन की जांच कर रही है।

अक्टूबर 2023

इधर, भारत ने जवाबी कार्रवाई कर 41 राजनयिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके चलते भारत में मौजूद कनाडा के दो तिहाई राजनयिक प्रभावित हुए। हालांकि, तब विदेश मामलों की मंत्री मेलेनी जॉली ने भारत के साथ बातचीत की बात कही थी।

जनवरी 2024

कनाडाई मामलों में विदेशी दखल की जांच कर रही स्वतंत्र जांच ने भारत की तरफ से चुनावों में संभावित दखल की जानकारी ओटावा से मांगी। इधर, भारत इस बात पर कायम रहा कि कनाडा उसके मामले में सिख अलगाववादियों को दखल देने की अनुमति देता है।

मई 2024

सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा पुलिस ने कथित हिट स्क्वॉड के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया था। जांचकर्ताओं का मानना था कि उन्हें भारत सरकार ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था।

अक्टूबर 2024

कनाडा ने 6 भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया। वहीं, भारत ने भी 6 कनाडाई राजनयिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। RCMP रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस ने आरोप लगाए थे कि भारतीय अधिकारी अपने पद का फायदा उठाकर गुप्त गतिविधियों में शामिल थे, जिसमें भारत सरकार के लिए जानकारियां निकालना शामिल है।

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