देश- कोलकाता रेप मर्डर केस: न्याय की मांग पर फिर सड़क पर उतरे जूनियर डॉक्टर्स, ‘जनता चार्जशीट’ में CBI पर लगाए ये आरोप- #NA

आरजी कर मामले के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन.Image Credit source: PTI

आरजी कर मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक मार्च निकाला. इस जुलूस में नागरिक समाज के लोग भी शामिल हुए. जुलूस के अंत में उन्हें ‘जनता चार्जशीट’ दायर किया गया. इस अवसर पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का साफ संदेश है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, वे सड़क से नहीं हटेंगे.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा का शव नौ अगस्त को सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था. रेप-हत्या की घटना पर न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर उसी दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने धरना-प्रदर्शन से लेकर भूख हड़ताल तक सब कुछ किया है.

जूनियर डॉक्टर्र देवाशीष हलदर ने कहा, ‘हम सड़कें नहीं छोड़ रहे हैं. आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा. न्याय मिलने तक मैं यह आंदोलन जारी रखूंगा. ‘मैं सड़क पर हूं, रुकूंगा.” हालांकि, शनिवार के कार्यक्रम में डॉक्टर्स फ्रंट के कई परिचित चेहरे शामिल नहीं थे. डॉक्टरों ने कहा कि परीक्षा सामने होने के कारण वे फिलहाल आंदोलन में शामिल नहीं हुए.

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जब-तक न्याय नहीं, तब-तक चलेगा आंदोलन

शनिवार को डॉक्टरों के इस कार्यक्रम में आम लोगों के अलावा कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हुए. इनमें चैती घोषाल , देवालीना दत्त, पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगली का नाम उल्लेखनीय है. जुलूस की शुरुआत में बड़े-बड़े बैनर दिखे, जिन पर लिखा था, ’90 दिन बीत गए, कब तक न्याय नहीं मिलेगा.’ वहीं, प्रदर्शनकारियों के हाथों में न्याय की मूर्ति थी. जुलूस में शामिल कई लोगों ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए. उनके हाथों में तख्तियां और पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, ‘बिचार चाय’.

सीबीआई ने आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, टाला थाने के आईसी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया. हालांकि, रेप-हत्या मामले में संजय रॉय के अलावा किसी और की गिरफ्तारी नहीं हुई. आंदोलनकारी मेडिकल छात्र से लेकर पीड़ित परिवार तक, घटना में केंद्रीय जांच एजेंसी की भूमिका को लेकर सवाल उठाए.

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर भी उठे सवाल

हालांकि सीबीआई पहले ही सियालदह कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. 11 नवंबर से निचली अदालत में भी सुनवाई का दौर शुरू हो जाएगा. केंद्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है.

़इस अवसर पर पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरे भारत में लोग निराश हैं. मैं भी निराश हूं. मैं यह भी मानता हूं कि संजय रॉय अकेले नहीं था. जब कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया और शीघ्र जांच के लिए कहा, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपनी पहल पर मामला उठाया, लेकिन आपने मामले में क्या किया?

उन्होंने कहा किसुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा था कि सीबीआई रिपोर्ट देखने के बाद मैं हैरान हूं. फिर आवाज शांत हो गयी. बस तारीख खिसकती रही. सुप्रीम कोर्ट की भूमिका से लोग निराश हैं.

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