देश – कौन हैं कमाल फारूकी? 20 साल बाद कांग्रेस ने क्यों कराई घर वापसी, महाराष्ट्र में क्या प्लान – #INA

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य रहे वरिष्ठ नेता कमाल फारूकी आज (सोमवार, 21 अक्तूबर को) दो दशक यानी पूरे 20 साल बाद फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। फारूकी अपने बेटे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पूर्व प्रवक्ता उमर कमाल फारूकी के साथ कांग्रेस में लौटे हैं। वह 2013 तक समाजवादी पार्टी में भी रह चुके हैं। महाराष्ट्र चुनावों से पहले कमाल फारूकी ने कांग्रेस पार्टी में अपनी वापसी बारे में एक बयान जारी कर जानकारी दी है।

अपने बयान में फारूकी ने कहा, “भाजपा और उसके जैसे दलों की सांप्रदायिक घृणास्पद दक्षिणपंथी विचारधारा को हराने के लिए कांग्रेस में वापसी करने का फैसला किया है। मौजूदा माहौल में कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो वास्तव में हमारे देश की सच्ची भावना का नेतृत्व कर सकती है और उसे पुनर्स्थापित कर सकती है।” फारूकी की घर वापसी को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी बढ़त के रूप में देखा जा रहा है।

कौन हैं कमाल फारूकी

कमाल फारूकी महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता हैं। 2004 में कांग्रेस छोड़ने के बाद फारूकी ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ाा था, लेकिन बाद में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए थे। उनके बेटे उमर कमाल फारूकी एनसीपी के राज्य प्रवक्ता होने के साथ-साथ एनसीपी की छात्र शाखा के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं।

ये भी पढ़े:हरियाणा की हार से डरी कांग्रेस, महाराष्ट्र में विद्रोह से निपटने का खास प्लान
ये भी पढ़े:महाराष्ट्र में हरियाणा जैसे संकट में कांग्रेस, अब हालात संभालने को उतारी ‘टीम 8’
ये भी पढ़े:मराठा आबादी वाली सीटों पर उम्मीदवार उतारंगे मनोज जरांगे, किसका बिगाड़ेंगे खेल
ये भी पढ़े:महाराष्ट्र में सपा का PDA कार्ड, अब तक घोषित 5 प्रत्याशियों में सभी मुस्लिम

कांग्रेस का क्या प्लान?

दरअसल, महाराष्ट्र चुनावों से ऐन पहले कमाल फारूकी की घर वापसी से कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि इससे उन्हें महाराष्ट्र के करीब 11.5% मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में लामबंद करने में मदद मिलेगी। हाल के कुछ वर्षों में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) जैसी पार्टियों ने कई क्षेत्रों में, खासकर औरंगाबाद जैसे जिलों में अपनी पैठ बना ली है, जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन हाल के वर्षों में यहां मुस्लिम मतदाताओं का कांग्रेस के प्रति समर्थन घटता जा रहा है।

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम की ही होगी.

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News