देश – क्या है ऑसिफिकेशन टेस्ट, जो Baba Siddique Murder Case में अरेस्ट आरोपी का होगा, सामने आएगी ये सच्चाई #INA

Baba Siddique Murder case: एनसीपी (अजित पवार) गुट के नेता बाबा सिद्दीकी के मर्डर को सुलझाने में जांच एजेसियां जुट गई हैं. मामले में अरेस्ट आरोपी गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप की एस्प्लेनेड कोर्ट में पेशी हुई है. कोर्ट ने आरोपी गुरमेल सिंह को 21 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया था जबकि धर्मराज कश्यप को पुलिस हिरासत में नहीं दिया गया. कोर्ट ने दूसरे आरोपी को ऑसिफिकेशन टेस्ट के बाद फिर से पेश किए जाने के निर्देश दिया है. आइए जानते हैं कि ओसिफिकेशन टेस्ट क्या है और इससे क्या सच्चाई सामने आती है. ये टेस्ट कितना सटिक होता है.
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दो अन्य आरोपी भी अभी फरार
बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लिप्त तीसरे आरोपी की पहचान शिवकुमार हुई है. पुलिस फिलहाल उसे खोज रही है. शिवकुमार की तलाश के लिए 4 टीमों का भी गठन किया गया है. इस बीच, पुलिस को एक ओर बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है. उसने बाबा सिद्दीकी मर्डर में शामिल चौथी आरोपी की पहचान भी की है. चौथे आरोपी का नाम मोहम्मद जीशान अख्तर बताया जा रहा है. पुलिस इस मामले में लॉरेंस गैंग की संलिप्तता के एंगल से भी जांच कर रही है, क्योंकि इस गैंग ने बाबा सिद्दीकी के हत्या की जिम्मेदारी ली है.
#WATCH | Baba Siddique Murder case | Mumbai: The accused, identified as Gurmail Singh and Dharamraj Kashyap taken from Esplanade Court.
The Court sent accused Gurmail Singh to Mumbai Crime Branch custody till 21 October. Police custody of Dharamraj Kashyap was not given. The… pic.twitter.com/Ib1uctH1wI
— ANI (@ANI) October 13, 2024
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क्या है ऑसिफिकेशन टेस्ट?
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ऑसिफिकेशन टेस्ट को ऑस्टियोजेनेसिस (Osteogenesis) या बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है.
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ऑसिफिकेशन टेस्ट क्राइम केस में किसी आरोपी या पीड़ित की अपराध के समय आयु का पता लगाने के लिए किया जाता है.
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अगर अपराधी या पीड़ित नाबालिग है तो ऑसिफिकेशन टेस्ट की अहमियत काफी बढ़ जाती है. कानून फिर उसे जुवेनाइल मानता है और फिर उसके साथ बालिगल की तरह व्यवहार नहीं करता है.
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ऑस्टियोजेनेसिस टेस्ट एक्स-रे मशीन से किया जाता है, जिसमें हड्डियों के संयोजन का विश्लेषण कर पीड़ित या आरोपी की उम्र का निर्धारण किया जाता है.
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यह टेस्ट जन्म से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के लोगों को किया जाता है. हालांकि ये टेस्ट किसी व्यक्ति की सटिक उम्र के बारे में नहीं बता सकता है. सुप्रीम कोर्ट भी इस बात को मानता है.
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