देश – जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के सम्मेलन पास हुए ये प्रस्ताव, मौलाना अरशद मदनी ने क्या कहा?- #INA

जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में संविधान संरक्षण सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वक्फ बिल एक जरूरी मुद्दा है. उन्होंने कहा कि सरकार जिनके समर्थन से चल रही है हम उनके से अपील करते हैं कि वो मुसलमानों के जज्बात को समझने की कोशिश कर रहें. वक्फ बिल से मुसलमानों के जज्बात कितने जुड़े हैं ये बंगलों में बैठकर नहीं समझ जा सकता है. वहीं इस दौरान जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पांच प्रस्ताव भी पारित किए. जो वक्फ की सुरक्षा और वक्फ संशोधन बिल 2024 से संबंधित प्रस्ताव, भारतीय संविधान और लोकतंत्र से संबंधित प्रस्ताव, समान नागरिक संहिता से संबंधित प्रस्ताव, इस्लामी मदरसों से संबंधित प्रस्ताव , इजराइल का आक्रामक नरसंहार और उत्पीड़ित फिलिस्तीनियों से संबंधित प्रस्ताव हैं.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में सरकार मुसलमानों की जमीन को हड़पने की कोशिश कर रही है. हम इसको कबूल नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी मस्जिदें 400-500 साल पुरानी हैं. सरकार की जिम्मेदारी है कि वो इस हमारी मस्जिदों की रक्षा करे. हम बाहरी नहीं है, हम इसी मुल्क के रहने वाले हैं. क्या हमें इस मुल्क में जीने का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस नीति को अपनाया है उसका नतीजा चुनाव में देखने को मिला.
उन्होंने कहा कि हम संविधान सुरक्षा सम्मेलन के माध्यम से सभी देश प्रेमियों से अपील करते हैं कि वह प्रतिक्रिया और भावनात्मक राजनीति के बजाय एकजुट होकर अतिवादी राजनीतिक पार्टियों का सामाजिक स्तर पर मुकाबला करें. देश में भाईचारा और न्याय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करें.
मदरसे दिशा-निर्देशों का करें पालन
मौलाना अरशद मदनी ने हम केंद्र और राज्य सरकारों से मांग करते हैं कि मदरसों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई से दूर रहे. उन्होंने कहा कि हम मदरसों से अपील करते है कि वो राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के दिशा-निर्देश के पालन करें और सरकार के प्रस्तावित नियमों की पूर्ति पर ध्यान दें.
मौलाना मदनी ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर जोर देना नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान की मूल आत्मा को समाप्त करने की साजिश का हिस्सा है. यह संविधान में दिए गए मूल अधिकारों से टकराता और मुसलमानों के लिए अस्वीकार्य है. कुछ राज्यों की ओर से समान नागरिक संहिता को लागू करने का प्रयास देश की एकजुटता और अखण्डता के लिए घातक है.
इजराइल पर लगें प्रतिबंध
वहीं उन्होंने कहा कि देश ही नहीं दुनिया में मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है. हम संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय यूनीयन वर्ल्ड मुस्लिम लीग और अतर्राष्ट्रीय संगठनों से अपील करते हैं कि वो इजराइल की बमबारी और आक्रामक युद्ध को बंद कराने के लिए ठोस कदम उठाएं. हम इस सम्मेलन के माध्यम से अपील करते हैं कि सभी देश इजराइल को युद्ध सामग्री पहुंचाना बंद करें.
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