देश – तगड़ी सुरक्षा के बावजूद हो गई बाबा सिद्दीकी की हत्या, जानिए क्या होती हैं X, Y, Z सिक्योरिटी? – #INA

हाल ही में महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजीत पवार गुट के सदस्य बाबा सिद्दीकी पर हमलावरों ने बांद्रा के निर्मल नगर के पास गोलीबारी कर दी। इसके बाद शनिवार देर रात लीलावती अस्पताल में उनकी मौत हो गई। अब विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं कि जब सरकार ‘Y’ श्रेणी के सुरक्षा कवर वाले राजनीतिक नेता की सुरक्षा नहीं कर सकती तो आम लोगों की सुरक्षा कैसे करेगी। गौरतलब है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या से 15 दिन पहले ही उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। इसके बाद उनकी सुरक्षा को ‘Y’ श्रेणी में बढ़ा दिया गया था।

क्या हैं X, Y, Z सिक्योरिटी?

‘Y’ श्रेणी भारत में प्रदान की जाने वाली सुरक्षा कवरेज के कई लेवल में से एक है। कुछ चुनिंदा लोगों को उनके खतरे की आशंका के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है। खुफिया एजेंसियां सुरक्षा स्तर पर व्यक्ति के खतरे का आकलन करने के बाद फैसला लेती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते क्रम में सुरक्षा स्तर X, Y, Y-प्लस, Z, Z-प्लस और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) हैं। इन समूहों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

SPG-

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भारत में एक विशेष सुरक्षा बल है। SPG प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें 3,000 सुरक्षाकर्मी और प्रशिक्षित कुत्तों का एक दस्ता होता है। इस समूह की स्थापना 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद की गई थी। इसकी स्थापना 1988 में भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। इससे पहले SPG प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके तत्काल परिवार के सदस्यों को खतरे के आकलन के आधार पर सरकार द्वारा तय की गई अवधि के लिए सुरक्षा प्रदान करता था। 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को SPG सुरक्षा मिली हुई थी। हालांकि SPG अधिनियम में 2019 के संशोधन के बादनसुरक्षा केवल मौजूदा प्रधानमंत्री और तत्काल परिवार तक ही सीमित कर दी गई।

Z-प्लस

SPG के बाद सुरक्षा का अगला स्तर Z-प्लस श्रेणी है जो प्रमुख राजनेताओं, बिजनेस लीडर्स या अन्य VIP जैसे व्यक्तियों के लिए है जिन्हें जान का खतरा होता है। Z-प्लस सुरक्षा पाने वाले व्यक्ति को सीआरपीएफ कमांडो के साथ कम से कम 55 कर्मियों द्वारा चौबीस घंटे सुरक्षा दी जाती है। खुफिया सूचनाओं के आधार पर जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो की अतिरिक्त सुरक्षा भी दी जाती है। सुरक्षा कवर में बुलेटप्रूफ वाहन और तीन शिफ्टों में एस्कॉर्ट भी शामिल है। Z-प्लस सुरक्षा बल के कमांडो को विशेषज्ञ मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय वित्त मंत्री और अन्य को Z-प्लस सुरक्षा कवर मिला है।

Z-श्रेणी

जेड श्रेणी सुरक्षा का तीसरा सबसे उच्च स्तर है। सुरक्षा कवर में कमांडो और पुलिस कर्मियों के साथ 22 कर्मी शामिल होते हैं। इस श्रेणी के तहत व्यक्ति सुरक्षा कवर के लिए भुगतान करता है। बाबा रामदेव और अभिनेता आमिर खान को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा साल की शुरुआत में निर्णय को हरी झंडी दिए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का सुरक्षा कवर बढ़ाकर जेड श्रेणी कर दिया गया है।

Y श्रेणी

Y-प्लस सुरक्षा श्रेणी में 11 कर्मी शामिल होते हैं। इनमें दो निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और अन्य सशस्त्र पुलिसकर्मी शामिल होते है। खतरे की आशंका बढ़ने पर इनमें बदलाव भी किया जा सकता है। सितंबर 2020 में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने बॉलीवुड अभिनेत्री और अब बीजेपी सांसद कंगना रनौत को Y-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी थी। Y श्रेणी 8 कर्मियों का सुरक्षा दस्ता है जिसमें 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल हैं। द कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक रंजन अग्निहोत्री को Y-श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। वहीं X श्रेणी में 2 कर्मियों द्वारा सुरक्षा दी जाती है जिसमें कोई कमांडो नहीं होतान और सिर्फ सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं।

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