देश- नागपुर में देवेंद्र फड़णवीस की बढ़ी टेंशन… महाविकास अघाड़ी ही नहीं, राज ठाकरे भी देंगे चुनौती- #NA
महाराष्ट्र चुनाव का महासंग्राम
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़णवीस प्रदेश के कद्दावर नेता होने के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र भी. देवेन्द्र फड़णवीस नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. यह सीट बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए अहम है. 1978 से अब तक इस सीट पर बीजेपी 7 बार जीत चुकी है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि 2024 की लड़ाई बीजेपी के लिए आसान नहीं होगी. इस साल बीजेपी को सिर्फ महाविकास अघाड़ी से ही नहीं देवेन्द्र फड़णवीस के दोस्त राज ठाकरे की एमएनएस से भी चुनौती मिलने वाली है.
खबर है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे देवेंद्र फड़णवीस के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसके लिए नाम भी तय कर लिया गया है.
फड़णवीस के खिलाफ ठाकरे की रणनीति
देवेंद्र फड़णवीस महाराष्ट्र में चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं. लेकिन न सिर्फ महाविकास अघाड़ी बल्कि राज ठाकरे की एमएनएस ने भी उनको हराने की रणनीति बनाई है. महाविकास अघाड़ी बीजेपी के खिलाफ एकजुट है. हालांकि अघाड़ी में किस पार्टी के उम्मीदवार यहां से उतरेंगे, ये अभी साफ नहीं है. लेकिन चर्चा है कि यह सीट एनसीपी को दी जा सकती है. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का आगे है. अगर ऐसा हुआ तो इस सीट पर वर्तमान गृह मंत्री और पूर्व गृह मंत्री के बीच मुकाबला होगा.
बात राज ठाकरे की करें तो देवेन्द्र फड़णवीस से उनकी दोस्ती जानी मानी है. लेकिन राज ठाकरे ने पिछले दिनों विदर्भ में कहा था कि उनकी पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में 230 से 240 उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह देवेंद्र फड़णवीस के खिलाफ भी वो उम्मीदवार उतारेंगे. मनसे की ओर से तुषार गिरे का नाम सामने आ रहा है. राज ठाकरे का दावा है कि तुषार यहां से जीत सकते हैं.
वंचित बहुजन अघाड़ी की भी चुनौती
वहीं इसके अलावा वंचित बहुजन अघाड़ी ने भी इस निर्वाचन क्षेत्र से विनय भांगे को उम्मीदवार बनाया है. जानकार कहते हैं इसका असर महाविकास अघाड़ी पर पड़ सकता है. इन दलों के प्रत्याशियों के सामने आने से यहां देवेंद्र फड़णवीस के लिए मुकाबला कड़ा हो गया है. दक्षिण पश्चिम नागपुर शहर के अन्य हिस्सों की तुलना में विकसित है. इस निर्वाचन क्षेत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की बड़ी संख्या है. यहां मुस्लिम और ईसाई मतदाता भी हैं. यहां मराठी भाषी और हिंदी भाषी मतदाता भी हैं.
नागपुर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का हाल
नागपुर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ था. लेकिन बाद के दौर में यहां बीजेपी का कमल खिलने लगा. 1999 में बीजेपी ने नागपुर पश्चिम नागपुर के युवा नेता और मेयर देवेंद्र फड़णवीस को मैदान में उतारा. फिर 1999 और 2004 दोनों ही बार यहां से देवेन्द्र फड़णवीस ने आसानी से जीत हासिल की. 2009 में निर्वाचन क्षेत्र का पुनर्गठन किया गया. पुनर्गठन के बाद भी इस सीट पर बीजेपी का दबदबा है.
नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र नागपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आता है. नितिन गडकरी यहां से लोकसभा सदस्य हैं. देवेन्द्र फड़णवीस विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का गठन 2008 में हुआ था. देवेंद्र फड़णवीस लगातार इस सीट से चुने जाते रहे हैं. उन्होंने 2009, 2014 और 2019 में यहां से जीत हासिल की अब 2024 में भी वह इस सीट से मैदान में उतरने जा रहे हैं.
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