देश – पीएम मोदी ने तीर चलाकर प्रतीकात्मक रूप से किया रावण का दहन, देखें वीडियो #INA
हर साल की तरह इस बार भी देशभर में दशहरा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. दिल्ली में इस पर्व का आयोजन विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करने वाला रहा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सांकेतिक रूप से तीर चलाकर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जो इस अद्भुत समारोह का हिस्सा बनने के लिए जुटे थे.
#WATCH | Delhi: ‘Ravan Dahan’ being performed at Madhav Das Park, Red Fort in the presence of President Droupadi Murmu and Prime Minister Narendra Modi
(Source: DD News) pic.twitter.com/IMeqyHhJlK
— ANI (@ANI) October 12, 2024
दशहरे का महत्व
दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है. यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर 14 वर्षों का वनवास समाप्त किया था. इस पर्व का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है.
कार्यक्रम की शुरुआत
दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत बड़ी धूमधाम से हुई. इस बार का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि यह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा किए गए संयुक्त दहन का प्रतीक था. समारोह में उपस्थित लोगों में उत्साह और उमंग का माहौल था. लोग पारंपरिक कपड़ों में सजधज कर आए थे, और बच्चे विशेष रूप से इस मौके का इंतजार कर रहे थे.
पुतले जलाना
रामलीला के मंचन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रतीकात्मक रूप से तीर चलाकर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का दहन किया. इस दृश्य ने उपस्थित लोगों को रोमांचित कर दिया. जिसके बाद पुतलों को जलाया गया, जिससे आसमान में रंग-बिरंगी आतिशबाजी छिड़ गई. यह न केवल एक धार्मिक समारोह था, बल्कि यह देश की एकता और विविधता का भी प्रतीक था.
सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें रामलीला का मंचन, नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ शामिल थीं. स्थानीय कलाकारों ने भगवान राम और अन्य पात्रों की भूमिका निभाई, जिससे दर्शकों को पौराणिक कथा की झलक मिली. दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया.
लोगों की सहभागिता
इस समारोह में लोगों की भागीदारी बहुत बड़ी थी. विभिन्न आयु वर्ग के लोग, परिवार के साथ यहां आए थे. बच्चे रावण, राम और सीता के पात्रों को देखकर काफी खुश थे. कुछ लोग अपने साथ झंडे और बैनर लेकर आए थे, जिन पर “जय श्री राम” के नारे लिखे हुए थे. यह एकता और समर्पण का प्रतीक था.
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