देश – पॉलीग्राफ से खुलेगा लक्ष्मी गुप्ता की मौत का राज, या फिर नार्को से बनेगी बात – #NA

Ghaziabad News :
लक्ष्मी गुप्ता की डेड बॉडी उस किराए के कमरे में चौखट से लटकी मिली थी, जिस कमरे में किराए पर रहकर वह मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। साथ में एक नोट भी मिला था। कन्नौज जनपद के छिपरा मऊ की रहने वाली लक्ष्मी उस समय मोदीनगर के दिव्य ज्योति ‌शिक्षण संस्थान में बीएएमएस की तीसरे साल की छात्रा थी। वह कॉलेज के पास ही निवाड़ी रोड पर सूर्या एंकलेव में किराए का कमरा लेकर रहती थी। यह मकान था मनोज शर्मा का।

15 जून, 2023 की है घटना

15 जून, 2023 को लक्ष्मी गुप्ता का शव उसके कमरे की चौखट से लटका मिला था। पुलिस ने खुद मौके पर पहुंचकर डेड बॉडी नीचे उतारी थी। मौके से एक नोट मिलने के बाद पुलिस ने मामले को आत्महत्या मानकर कार्रवाई आगे बढ़ानी भी शुरू कर दी थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कार्रवाई की दिशा बदल दी। अब मामले का हत्या में तरमीम किया गया और पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

क्राइम सीन भी क्रिएट करा चुकी है पुलिस

पुलिस ने मामले की जांच के लिए क्राइम सीन क्रिएट किया, मकान मालिक समेत कई लोगोंं से पूछताछ की। पुलिस ने छह लोगों को शक के दायरे में लिया। मकान मालिक, उसका बेटा और एक अन्य किराएदार के अलावा लक्ष्मी गुप्ता की तीन दोस्तों पर भी पुलिस को शक हुआ लेकिन जांच किसी मुकाम पर नहीं पहुंची। लक्ष्मी गुप्ता को इस दुनिया से गए डेढ़ साल पूरा होने को है मगर उसकी रूह अभी इंसाफ मांग रही है।

पॉलीग्राफ से कुछ क्लू मिलने की उम्मीद

पुलिस को उम्मीद है कि छह संदिग्धों का पॉलीग्राफ टैस्ट होने के बाद लक्ष्मी गुप्ता की हत्या का कोई क्लू मिल सकता है। इसके लिए पुलिस कोर्ट से इजाजत भी ले चुकी है। कोर्ट से इजाजत के बाद पॉलीग्राफ टैस्ट शिडयूल भी हो गया था, मगर तकनीकी कारणों से यह मुल्तवी होता रहा, अब फिर 2 दिसंबर की तारीख मिली है। एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने 2 दिसंबर को पॉलीग्राफ टैस्ट की तारीख मिलने की पुष्टि की है।

जरूरत पड़ने पर नार्को टैस्ट भी होगा

पुलिस ने मामले में छह संदिग्धों का पॉलीग्राफ टैस्ट कराने की दर्खास्त लगाई थी। बताया जा रहा है सभी छह संदिग्धों का पॉलीग्राफ टैस्ट होने में छह दिन का समय लगेगा। एक दिन में सिर्फ एक संदिग्ध का ही टैस्ट हो सकेगा। पॉलीग्राफ टैस्ट के बाद भी यदि मामले में कोई क्लू नहीं मिला तो पुलिस संदिग्धों का नार्को टैस्ट भी कराएगी। अदालत से इस पूरी जांच प्रक्रिया के लिए पुलिस पहले ही परमिशन ले चुकी है।

जानिए क्या होता है पॉलीग्राफ टैस्ट

पॉलीग्राफ टैस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहते हैं। इस टैस्ट के जरिए यह पहचाना जाता है कि संबंधित व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। यह पहचान करने क‌े लिए व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं का ग्राफ तैयार होता है। दिल की धड़कन और सांस लेने की गति, नब्ज की रफ्तार और रक्तचाप इस ग्राफ का आधार होते हैं। दरअसल कोई भी व्यक्ति जब झूठ बोलता है उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं में इसका रिएक्शन होता है, इसी से तय किया जाता है शख्स सच बोल रहा है या झूठ।

पॉलीग्राफ का अगला स्टैप है नार्को टैस्ट

जब कोई मामला पॉलीग्राफ टैस्ट के बाद भी नहीं साफ हो पाता, अक्सर उस स्थिति में नार्को टैस्ट का सहारा लिया जाता है। नार्को टैस्ट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी व्यक्ति को दवाएं देकर आंशिक रूप से बेहोश किया जाता है और फिर उससे सवाल किए जाते है। ऐसे में कोई भी शख्स सच बोलता है। इस तकनीक का इस्तेमाल उन लोगों से छिपी हुई जानकारी निकालने के लिए किया जाता है जो पूछताछ के दौरान सहयोग ‌नहीं करते हैं। हालांकि पॉलीग्राफ और नार्को टैस्ट करने से पहले संबंधित व्यक्ति की रजामंदी होना जरूरी है।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science