देश – बार एसोसिएशन की हाईकोर्ट में याचिका, इसी सप्ताह हो सकती है सुनवाई, जानिए अपील की – #NA
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Ghaziabad News :
गाजियाबाद बार एसोसिएशन की ओर से कोर्ट रूम में लाठी चार्ज के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। एडवाकेट जवाहर यादव द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार की ओर से पुलिस को आदेश दिया जाना अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है। यह स्थिति जिला न्यायाधीश और न्यायिक गरिमा के लिए उचित नहीं है। याचिका में प्रकरण की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की गई है।
29 अक्टूबर का है मामला
बता दें कि 29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला न्यायालय में जिला न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव के बीच हुई तीखी नोंकझोक के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने वकीलों पर कोर्ट रूम में लाठीचार्ज कर दिया था। उसके बाद गुस्साए अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर स्थित पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी।
डीजे को नोटिस जारी करने की मांग
हाईकोर्ट में दायर याचिका में उच्च न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में इस घटना की एसआईटी जांच की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है कि न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 215 (जिसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय हैं, और न्यायालय की अवमानना के लिए दंड लगाने का अधिकार है) के तहत जिला जज को कारण बताओ नोटिस जारी करे। इसके साथ ही याचिका में यह भी मांग की गई है कि कोर्ट रूम में हुई झड़प की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित कराने की मांग की गई है।
एफआईआर पर कार्रवाई रोकने की मांग
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि मामले की निष्पक्ष जांच होने तक अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों में पुलिस को कार्रवाई करने से रोका जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि 29 अक्टूबर को हुए इस प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में पुलिस वकीलों पर लाठीचार्ज करती दिख रही है। लाठीचार्ज से गुस्साए वकीलों के द्वारा जवाबी कार्रवाई में अदालत परिसर स्थित पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और आगजनी की थी।
याचिका के मुताबिक यह रहा मूल कारण
गाजियाबाद बार एसोसिएशन की ओर से दायक की गई याचिका के मुताबिक कोर्ट रूम में हुई झड़प का मूल कारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार द्वारा जमीन पर कब्जे के मामले में अग्रिम जमानत पर सुनवाई से कथिततौर पर इंकार किया जाना है। पीड़ित के अधिवक्ताओं की ओर से आरोपियों की दी गई अंतरिम जमानत को जारी रखने का विरोध करते हुए सुनवाई की मांग की गई थी। साथ ही व्यस्तता की स्थिति में मामला ट्रांसफर किए जाने की मांग की गई थी। इसी बात जिला एवं सत्र न्यायाधीश भड़क गए और अधिवक्ता के साथ तीखी नोंकझोक हो गई थी। पुलिस बुलाए जाने पर स्थिति और बिगड़ गई।
न्यायालय और वकीलों के अधिकारों की अवहेलना का आरोप
गाजियाबाद बार एसोसिएशन की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि पुलिस ने बार सदस्यों पर क्रूरतापूर्वक हमला करते हुए न्यायालय व वकीलों के अधिकारों की घोर अवहेलना की। कहा गया है कि, “जिला न्यायाधीश ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर अपने अधिकार क्षेत्र का पूरी तरह से अतिक्रमण किया, जो जिला न्यायाधीश की स्थिति के लिए उचित नहीं है। याचिका पर उच्च न्यायालय के द्वारा इसी सप्ताह सुनवाई किए जाने की उम्मीद है।
प्रयागराज में वकीलों ने पुतला फूंका
बता दें कि मामले इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को कार्य का बहिष्कार किया है। अधिवक्ताओं में रोष को देखते हुए कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसी बीच अधिवक्ताओं के द्वारा पुतला फूंककर रोष जताने की खबर भी सामने आई है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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