देश- बिहार के किशनगंज में दिमागी बुखार से 2 मौतें, 18 दिनों में दो बहनों ने तोड़ा दम- #NA

(फाइल फोटो) दो बहनों की दिमागी बुखार से हुई मौत
बिहार के किशनगंज जिले में महज 18 दिन के अंदर एक ही परिवार की दो बहनों की दिमागी बुखार से मौत हो गई है. मौत के बाद से ही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में जांच के लिए एक टीम भेजी गई है, जो गांव के अन्य बच्चों और लोगों की जांच कर रही है. दिमागी बुखार से मौत की घटना के बाद से ही पूरे गांव के लोग डरे हुए हैं.
दिमागी बुखार से दो बहनों की मौत किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड के तहत आने वाले सीतागाछ गांव की है. गांव में रहने वाले मुस्ताक आलम की एक बेटी की मौत 18 दिन पहले अचानक बुखार के कारण हो गई थी. दूसरी बेटी की मौत गुरुवार को हो गई है. जिसका इलाज बीते दो सप्ताह से चल रहा था. पहली बेटी माफिया प्रवीन (18) की मौत के दो दिन बाद ही दूसरी बेटी मस्तूर (16) की तबियत अचानक से बिगड़ गई थी.
डॉक्टरों ने दिमागी बुखारी की पुष्टि
पहली बेटी की अचानक हुई मौत से परिजन डरे हुए थे. इसलिए दूसरी बेटी को इलाज के लिए किशनगंज के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया था, जहां 9 दिन एडमिट रहने के बाद परिवार वाले उसको घर ले आए थे. तबीयत में सुधार नहीं होने पर परिवार वाले बेटी को इलाज के लिए पूर्णिया जिले के एक निजी नर्सिंग होम में ले गए थे, जहां डॉक्टरों ने दिमागी बुखार होने की पुष्टि की थी.
ये भी पढ़ें
18 दिनों में दो बहनों की हुई मौत
मौत की घटना पर परिजनों का कहना है कि पहली बेटी की मौत का कारण पता नहीं चला सका था. वहीं, दूसरी बेटी का बेहतर इलाज कराया गया, लेकिन फिर भी उसकी मौत हो गई. घटना के बाद से ही पूरे परिवार रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं मां-बाप बेटियों की मौत से सदमे में है. 18 दिन के अंदर दो बहनों की दिमागी बुखार से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव में लोगों बच्ची और लोगों की जांच कर रही है.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link