देश – ब्रिटेन में नीलाम होने जा रही नागा व्यक्ति की 'खोपड़ी', CM ने जयंशकर को लिखा पत्र; रोक लगाने की मांग – #INA

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने यूनाइटेड किंगडम में एक नगा व्यक्ति की खोपड़ी की प्रस्तावित नीलामी को “मानवता का अपमान” और “औपनिवेशिक हिंसा का निरंतर स्वरूप” बताया है। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है और इस मुद्दे में हस्तक्षेप की मांग की है। 19वीं सदी की सींग वाली नागा खोपड़ी को प्रतिष्ठित नीलामी घर ‘द स्वान एट टेट्सवर्थ’ द्वारा 9 अक्टूबर को नीलाम करने की योजना थी, जिसकी अनुमानित कीमत £3,500 से £4,500 (करीब 494634 रुपये) आंकी गई थी। हालांकि, इस नीलामी को लेकर उभरी आपत्तियों के बाद, मंगलवार शाम तक यह वस्तु नीलामी सूची से हटा दी गई।

Table of Contents

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री रियो ने यह कदम उस समय उठाया जब फोरम फॉर नगा रिकंसिलिएशन (FNR) ने सोमवार को उन्हें इस मामले के बारे में लिखा था। इस फोरम में चर्च के नेता और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि शामिल हैं। विदेश मंत्री को लिखे अपने पत्र में, रियो ने कहा कि यह नीलामी नागालैंड के सभी वर्गों द्वारा “नकारात्मक रूप से” देखी जा रही है, क्योंकि यह हमारे लोगों के लिए एक अत्यंत भावनात्मक और पवित्र मुद्दा है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “आप सहमत होंगे कि किसी भी मृत व्यक्ति के अवशेष उनके लोगों और उनकी भूमि के होते हैं। इसके अलावा, मानव अवशेषों की नीलामी लोगों की भावनाओं को गहराई से ठेस पहुंचाती है, यह अमानवीकरण का कार्य है और इसे हमारे लोगों पर जारी औपनिवेशिक हिंसा के रूप में देखा जाता है।”

रियो ने विदेश मंत्रालय से अपील की है कि वह इस मुद्दे को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के समक्ष उठाए और नीलामी को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए। उन्होंने लिखा, “हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि हमारे लोगों के अधिकारों और भावनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।”

यह मुद्दा नगा समुदाय के उस लंबे संघर्ष का हिस्सा है, जिसमें वे अपने पूर्वजों के अवशेषों को ब्रिटेन से वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। ऑक्सफोर्ड स्थित पिट्स रिवर म्यूजियम में नगा समुदाय के लगभग 6,500 वस्तुओं का संग्रह है, जो ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार और औपनिवेशिक शासन के दौरान एकत्र किया गया था। इन वस्तुओं में कई मानव अवशेष भी शामिल हैं, जिन्हें वहां एक सदी से भी अधिक समय से रखा गया है। 2020 में शुरू की गई इस प्रक्रिया में फोरम फॉर नगा रिकंसिलिएशन (FNR) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। FNR ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि “नगा पूर्वजों के मानव अवशेषों की वापसी की प्राथमिकता अब पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।”

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम की ही होगी.

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News