देश – भारत दौरे पर रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव, जानें अमेरिकी प्रतिबंधों के ठीक बाद कितनी अहम है यह यात्रा? #INA

India-Russia Relationship: भारत और रूस के रिश्ते काफी मधुर हैं. अक्टूबर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर गए थे. जहां उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. उससे पहले जुलाई में भी पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया था. अब रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव भारत दौरे पर आ रहे हैं. अपने इस दौरे पर वह कल यानी 11 नवंबर को मुंबई में आयोजित रूसी-भारतीय व्यापार मंच के पूर्ण सत्र में शिरकत करेंगे.
क्या है रूसी उपप्रधानमंत्री के दौरे का उद्देश्य
बता दें कि रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के उद्यमियों के बीच सहयोग बढ़ाना है. इस दौरान व्यापार मंच में औद्योगिक सहयोग, परिवहन और लॉजिस्टिक्स, वित्त, डिजिटल तकनीक और अंतर-क्षेत्रीय संबंधों पर कई विषयगत सत्र का भी आयोजन होगा. इसका आयोजन भारतीय व्यापार परिषद और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: आतंकी संगठनों पर इस्राइल का ताबड़तोड़ हमला, गाजा और लेबनान में मारे गए 23 लोग
मुंबई के बाद दिल्ली आएंगे उपप्रधानमंत्री मंटुरोव
मुंबई के बाद डेनिस मंटुरोव दिल्ली आयेंगे. 12 नवंबर को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर संयुक्त रूप से 25वें रूस-भारत अंतर-सरकारी आयोग के सत्र की अध्यक्षता करेंगे. इस सत्र का उद्देश्य व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना है. इस दौरे के दौरान प्रथम उपप्रधानमंत्री की कुछ द्विपक्षीय बैठकों का भी कार्यक्रम है, जो रूस और भारत के बीच आर्थिक एवं रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने में सहायक साबित होंगी.
ये भी पढ़ें: Jharkhand Election: आज झारखंड दौरे पर रहेंगे PM मोदी, रांची में करेंगे मेगा रोड शो
अमेरिका ने लगाया है 19 भारतीय कंपनियों पर बैन
बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों पर बैन लगाया है, जिन पर आरोप है कि वे रूस की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने वाले उत्पादों का निर्यात कर रही थीं. ये प्रतिबंध यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में लगाए गए हैं, ताकि रूस की सैन्य आपूर्ति श्रृंखला पर प्रभाव डाला जा सके. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर और तकनीकी क्षेत्र से जुड़ी भारतीय फर्में शामिल हैं, जिनके वैश्विक व्यापार पर इसका असर पड़ सकता है.
ये भी पढ़ें: IPL 2025: मेगा ऑक्शन में KKR के निशाने पर होंगे ये 5 खिलाड़ी, लिस्ट में 2 बड़े नाम शामिल
अमेरिका इस कदम के जरिए भारत को यह संकेत देना चाहता है कि रूस के साथ व्यापार में सतर्कता बरतें, खासकर उन क्षेत्रों में जो सैन्य आपूर्ति या संवेदनशील तकनीक से जुड़े हैं. अमेरिका के इस कदम पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज किया. इसके घटनाक्रम के ठीक बाद दोनों देशों के बीच सज रहे इस व्यापारिक मंच पर अमेरिका की पैनी नजर होगी.
रूसी उपप्रधानमंत्री का यह दौरा रूस और भारत के बीच रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें दोनों देशों के व्यवसायों और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग के कई नए अवसरों पर विचार किया जाएगा.
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह न्यूज़स्टेट डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज़स्टेट डॉट कॉम की ही होगी.