देश- मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे में छिपी है बीजेपी की दिल्ली फतह की रणनीति!- #NA
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कैलाश गहलोत जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
आतिशी सरकार और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले कैलाश गहलोत के भारतीय जनता पार्टी में जाने की चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि अपने इस्तीफे में उन्होंने इसका संकेत भी दे दिया है. इतना ही नहीं, गहलोत ने अपने 2 पन्नों के इस्तीफे में दिल्ली विधानसभा चुनाव का एजेंडा भी सेट कर दिया है.
राष्ट्रीय राजधानी के सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि गहलोत ने अपने इस्तीफे में जिन मुद्दों को उठाया है. उन्हीं मुद्दों के सहारे भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में चुनाव लड़ सकती है. बीजेपी भी लंबे वक्त से इन मुद्दों को उठाने की कवायद में जुटी है.
इस्तीफे में छिपी है बीजेपी की रणनीति!
1. दिल्ली Vs केंद्र की लड़ाई- कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे में इसका जिक्र किया है. जाट नेता गहलोत ने कहा है कि केंद्र से रोज-रोज लड़ाई की वजह से दिल्ली काफी पीछे हो गई है. दिल्ली का विकास थम सा गया है.
बीजेपी भी इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि दिल्ली के चुनाव में इस बार बीजेपी नए सिरे से डबल इंजन के मुद्दे को मैदान में उतार सकती है.
राष्ट्रीय राजधानी में बड़े नीतिगत फैसले का अधिकार केंद्र के पास ही है. दिल्ली सरकार छोटे और जरूरी मामले में ही अपनी नीति लागू कर पाती है. इसकी वजह से दिल्ली और केंद्र के बीच हमेशा सियासी लड़ाई चलती रहती है.
2. शांत पड़े शीशमहल को उठाया- कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे में शीशमहल के मुद्दो को हाईलाइट करके लिखा है. गहलोत ने कहा है कि शीशमहल जैसे मुद्दे को नकारा नहीं जा सकता है. ऐसे में इस पर समुचित जवाब जरूरी है.
दिल्ली में पिछले एक साल से बीजेपी इसे मुद्दा बना रही है. बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री रहते अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली सीएम हाउस को लग्जरी हाउस में तब्दील करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए.
हालांकि, चुनाव से पहले जिस तरह से इस मुद्दे को कैलाश गहलोत ने तूल दिया है, उससे कहा जा रहा है कि आने वाले दिल्ली चुनाव में इसकी गूंज सुनाई दे सकती है.
3. यमुना सफाई का जिक्र- कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने इस्तीफे में कहा है कि आप ने कई बड़े मुद्दों का समाधान नहीं किया, जिनमें यमुना सफाई प्रमुख है. गहलोत के मुताबिक यमुना का पानी अभी भी साफ नहीं है और लोग वहां जाने से भी डर रहे हैं.
हाल के दिनों में दिल्ली बीजेपी ने यमुना सफाई को बड़ा मुद्दा बनाया है. पार्टी के बड़े नेता यमुना में उतरकर केजरीवाल सरकार को घेर रहे थे. उधर, आप इस मामले का ठीकरा केंद्र की सरकार पर फोड़ रही थी.
ऐसे में अब जिस तरह से कैलाश गहलोत ने इस मुद्दे को उठाया है. उससे कहा जा रहा है कि दिल्ली की चुनाव में आप के खिलाफ यह भी एक बड़ा मुद्दा होगा.
अब जानिए गहलोत का BJP में जाना तय क्यों?
चुनाव से पहले जिस तरीके से गहलोत ने इस्तीफा दिया है, उससे उनके बीजेपी में जाने की चर्चा सबसे ज्यादा है. जाट समुदाय से आने वाले गहलोत आप में मुख्यमंत्री के भी दावेदार रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने जब इस्तीफा दिया, तो गहलोत ही सीएम के सबसे बड़े दावेदार थे, लेकिन कुर्सी आतिशी के पास चली गई.
दिल्ली बीजेपी में वर्तमान में सीएम के लिए स्पेस बचा है. पार्टी ने इस बार सामूहिक नेतृत्व पर लड़ने का फैसला किया है. ऐसे में गहलोत के लिए यहां मौका हो सकता है. 2015 में बीजेपी ने आप से आई किरण बेदी सीएम फेस भी घोषित किया था.
कैलाश के बीजेपी में जाने की दूसरी बड़ी वजह 15 अगस्त का एक वाकया है. इसी साल 15 अगस्त को जेल में रहते हुए जब अपनी जगह अरविंद ने आतिशी का नाम झंडा फहराने के लिए आगे किया था, तब उपराज्यपाल ने उनकी सिफारिश नहीं मानी थी. एलजी ने आतिशी की जगह कैलाश का नाम आगे किया था.
गहलोत पर ईडी और आईटी की जांच भी चल रही है. शराब घोटाले के मामले में उनसे ईडी 5 घंटे की पूछताछ भी कर चुकी है. ऐसे में गहलोत के बीजेपी में जाने की एक वजह इसे भी माना जा रहा है.
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