देश- मर्यादा लांघती नेतागिरी… राजस्थान उपचुनाव में हाई लेवल बदजुबानी, जानें किसने क्या कहा- #NA

राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों की तारीख नजदीक आने के साथ ही सियासी तेवर भी तल्ख होते दिख रहे हैं. चुनावी प्रचार में नेताओं की भाषा व्यक्तिगत टिप्पणियों से लेकर अभद्रता तक जाती दिखाई दे रही है. कई नेताओं ने मर्यादा की सीमा तक तोड़ दी है. ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे नेताओं में क्या बीजेपी, क्या कांग्रेस, सभी पार्टियों के नेता बदजुबानी पर आमादा हैं.

सवाई माधोपुर से कांग्रेस के सासंद हरीश मीणा ने सार्वजनिक रूप से कहा, हमे ऐसे चोरों और उठाईगीरों से ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, कांग्रेस और जनता से चाहिए. ये भाड़े के लोग आए हैं. कौन हैं ये जो किसी पार्टी के नहीं. हरीश मीणा बिना नाम लिए निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा पर निशाना साध रहे थे. नरेश ने कांग्रेस से बगावत करके देवकी उनियारा सीट से ताल ठोंक रखी है.

हनुमान बेनीवाल ने क्या कहा?

नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी खींवसर सीट के उपचुनाव में अपनी पत्नी और पार्टी प्रत्याशी कनिका बेनीवाल के प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता दिव्या मदेरणा पर जमकर हमला बोला. हनुमान ने तो दिव्या और उनके पिता महिपाल मदेरणा समेत पूरे परिवार को ही निशाने पर ले लिया. बेनीवाल और दिव्या की अदावत लंबे समय से जारी है.

तुम्हारा दरवाजा खटखटाया क्या?

हनुमान बेनीवाल ने कहा, सुबह चार बजे आकर तुम्हारा दरवाजा खटखटाया क्या? मेरे क्षेत्र में घूमूंगा, तुम भी घूमो. क्या था तुम्हारा? याद करते ही सीडी चलाते हैं छोरे. क्या किया तुम्हारे पिताजी और दादाजी ने. एक ने जोधपुर और दादाजी ने नागौर को बर्बाद करके छोड़ दिया. दिव्या के पिता महिपाल मदेरणा का नाम भंवरी देवी कांड में शामिल था. कई अश्लील सीडी इस मामले में चर्चा में थीं. इसलिए बेनीवाल ने सीडी कांड का जिक्र किया.

बीजेपी प्रदेश में कत्लेआम मचाएगी

राजस्थान के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेसी नेता रघु शर्मा भी चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जुबान काबू नहीं रख पाए. रघु ने कहा कि 13 नवंबर के बाद बीजेपी प्रदेश में कत्लेआम मचाएगी. बयान के ज़रिए अपनी सीमाएं लांघने वाले नेताओं में राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी पीछे नहीं हैं. झुंझुनूं से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों की खातिर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे को लगाया जाना ही उचित बता दिया. गुढ़ा बोले, किस संविधान या कानून में लिखा है कि पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं लगा सकते.

नेताओं को ध्यान रखना चाहिए कि ये लोकतंत्र है

इस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहे नेताओं को लेकर सीनियर पार्टी नेताओं ने ऐतराज जताया है. बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ऐसी भाषा बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है. प्रचार के दौरान गलत शब्दों के इस्तेमाल पर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि नेता किसी भी पार्टी का हो, उसे भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. मैने कभी भी किसी नेता को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा. चुनाव के प्रचार के दौरान नेताओं को ध्यान रखना चाहिए कि ये लोकतंत्र है.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News