देश – 'मोदी के करिश्मे ने किया प्रेरित', भाजपा में शामिल हुईं केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी – #INA

केरल कैडर की पहली महिला आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी और पूर्व पुलिस महानिदेशक आर श्रीलेखा बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने श्रीलेखा को शाम चार बजे यहां उनके आवास पर पार्टी की सदस्यता दिलाई। केरल अग्निशमन एवं बचाव सेवा की महानिदेशक के पद से 2020 में सेवानिवृत्त हुईं श्रीलेखा एक लेखिका भी हैं। वह केरल में डीजीपी रैंक की पहली महिला आईपीएस अधिकारी भी थीं।

भाजपा में शामिल होने के बाद श्रीलेखा ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के करिश्मे ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “मुझे भाजपा की विचारधाराओं पर भरोसा है। मैं तीन सप्ताह के लंबे विचार-विमर्श के बाद भाजपा में शामिल हो रही हूं। तीन सप्ताह पहले ही भाजपा ने मुझसे पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क किया था। मैं सेवा में एक निष्पक्ष अधिकारी रही हूं। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद अपने अनुभव के आधार पर मुझे एहसास हुआ कि लोगों की सेवा करने का यह मेरा सबसे अच्छा तरीका है।”

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलेखा को एक “बहादुर अधिकारी” बताते हुए, राज्य भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी केरल से बखूबी परिचित हैं और उन्होंने पुलिस में कई सुधार किए थे। मीडिया से कहा, “उन्होंने पुलिस बल में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। अब केरल में भाजपा के प्रति अस्पृश्यता खत्म हो गई है।” श्रीलेखा ऐसे समय में भाजपा में शामिल हुई हैं जब केरल में एडीजीपी एमआर अजित कुमार की हाल के वर्षों में वरिष्ठ आरएसएस नेताओं के साथ मुलाकातों को लेकर बहस चल रही है। पूर्व डीजीपी जैकब थॉमस के बाद वह दूसरी पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद पार्टी में शामिल हुई हैं।

फरवरी 2021 में भाजपा में शामिल होने के बाद जैकब थॉमस ने इरिंजालकुडा विधानसभा क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के आर बिंदु से हार गए थे। 1987 बैच की आईपीएस अधिकारी श्रीलेखा के अपने करियर के आखिरी दौर में केरल की सीपीआई (एम) सरकार के साथ रिश्ते खराब हो गए थे। अपनी सेवानिवृत्ति के दिन उन्होंने डीजीपी रैंक के अधिकारियों को दी जाने वाली औपचारिक विदाई पार्टी और गार्ड ऑफ ऑनर से दूरी बना ली थी।

तिरुवनंतपुरम की मूल निवासी श्रीलेखा सिविल सेवा में आने से पहले कॉलेज लेक्चरर और बैंक अधिकारी रह चुकी हैं। उन्होंने कई जिलों में एसपी और बाद में डीआईजी और आईजी के रूप में काम किया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए उन्होंने चार साल तक सीबीआई के साथ काम किया। उन्होंने नौ किताबें भी लिखी हैं। सेवानिवृत्ति के बाद श्रीलेखा ने तब विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने कहा था कि जेल महानिदेशक के तौर पर उन्होंने अभिनेता दिलीप को विशेष तवज्जो दी थी और बेहतर सुविधाएं दी थीं, जबकि वह 2017 में चलती गाड़ी में एक एक्ट्रेस के अपहरण और यौन उत्पीड़न से संबंधित मामले में जेल में बंद थे। उन्होंने तब यह भी कहा था कि उन्हें मामले में दिलीप की बेगुनाही पर विश्वास है। अभिनेता पर हमला मामले के मुख्य आरोपी पल्सर सुनी को “आदतन अपराधी” कहने वाले उनके बयान के कारण उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।

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