देश – लो भाई! अमेरिका ने इजरायल को कर दिया सुरक्षित, THAAD की तैनाती ने हिजबुल्लाह की कमर तोड़ी #INA

मिडल ईस्ट में भयानक युद्ध छिड़ा हुआ है. इजरायल ने अब हिजबुल्लाह को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी कर ली है. इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने अब लेबनान पर मिसाइल हमले तेज करने के आदेश दिए हैं. इस जंग में अमेरिका भी कूद पड़ा है. उसने इजरायल में THAAD की तैनाती का ऐलान कर दिया है. ऐसे में ईरान और हिजबुल्लाह दोनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. THAAD की तैनाती के बाद इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें के हमले बेकार हो जाएंगे.    

THAAD मिसाइल का हमला 

What is THAAD Missile: थाड एक उन्नत एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. इसे टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) कहा गया है. इससे इजरायल की हवाई सुरक्षा को काफी मजबूती मिलेगी. ईरान के घातक हमले दोबारा नुकसान न पहुंचाएं, ऐसे में अमेरिका ने इजरायल में थाड मिसाइलों को हर जगह तैनात कर दिया है.

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अमेरिका ने THAAD बैटरी के साथ एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैयार किया है. इसके लिए सौ अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने का ऐलान किया है. बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने को लेकर थाड  को अमेरिका में डिजाइन किया गया है. ये इजरायल की रक्षा प्रणाली को लेकर काफी कारगर साबित होता है. इस तरह से इजरायल का रक्षातंत्र और मजूबत होगा. वहीं इजरायल पर ईरान और हिजबुल्लाह के हमलों को रोकने में सहायता मिलेगी. 

किस तरह से काम करता है THAAD

THAAD मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में मार गिराने के लिए तैयार किया गया है. इसका अर्थ ये है कि जब बैलिस्टिक मिसाइलें अपने टारगेट को नष्ट करने के करीब होती हैं तब यह प्रणाली इसे नष्ट कर देती है. यह प्रणाली मिसाइलों को वायुमंडल के अंदर के साथ बाहर दोनों जगहों  पर नष्ट करने में सक्षम है. यह सिस्टम छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को  आसानी से रोक सकता है. 

लंबी दूरी के खतरों को भी भांप सकता है 

THAAD की एक अनोखी विशेषता यह है कि इसमें कोई विस्फोटक वारहेड नहीं होता है. यह काइनेटिक एनर्जी (गतिज ऊर्जा) के प्रिंसिल पर काम करता है. इसका अर्थ है कि ये सिस्टम फोर्स का उपयोग करके लक्ष्य को नष्ट कर सकते हैं. THAAD में काफी ताकतवर रडार लगे हैं. यह 3000 KM तक की दूरी के खतरों को भांप सकेंगे. यह उन्हें इंटरसेप्ट कर सकता है. अमेरिकी डिफेंस सिस्टम 870 से 3,000 किमी की दूरी तक के खतरों का पता लगा सकते हैं. इस तरह से लगभग पूरे मिडिल ईस्ट को इजरायल अपने काबू में रख सकता है. 


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