देश- 15 लाख ज्यादा वोट फिर भी 31 सीटें कम… अजित की जीत से ज्यादा शरद पवार की हार क्यों कर रही हैरान?- #NA

शरद पवार, युगेंद्र पवार और अजित पवार.

महाराष्ट्र के चुनावी रण में मात तो कांग्रेस, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव और प्रकाश अंबेडकर की पार्टी को भी मिली है, लेकिन सबसे ज्यादा हार की चर्चा शरद पवार की है. जीवन का आखिरी चुनाव लड़ रहे सीनियर पवार उन मोर्चों पर अपने भतीजे अजित से हार गए हैं, जहां उन्हें सबसे मजबूत माना जा रहा था.

शरद पवार की हार इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि उन्हें पूरे चुनाव में अपने भतीजे अजित से वोट तो ज्यादा मिले हैं, लेकिन सीटें कम. ऐसा न तो शिंदे और उद्धव के बीच हुआ है और न ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच.

वोट ज्यादा मिले पर सीट कम

चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक शरद पवार की एनसीपी को 11.28 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ 9 प्रतिशत, लेकिन दोनों की जीती हुई सीटों का फासला काफी बड़ा है. संख्या के लिहाज से देखा जाए तो महाराष्ट्र के 72 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने शरद पवार की पार्टी के पक्ष में मतदान किया है.

वहीं करीब 58 लाख वोटरों ने अजित के समर्थन में अपना मत दिया है. इसके बावजूद अजित की पार्टी को 41 सीटों पर जीत मिली है, जबकि शरद की पार्टी को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली है.

शरद पवार की पार्टी ने 88 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. वहीं अजित ने समझौते के तहत 59 और फ्रेंडली फाइट के तहत करीब 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.

2019 में शरद पवार की एनसीपी को कुल 17 प्रतिशत मत मिले थे. इस चुनाव में शरद पवार की एनसीपी ने 54 सीटों पर जीत हासिल की थी. पवार खुद की बदौलत यह आंकड़ा फिर से हासिल करने में जुटे थे, लेकिन उन्हें असफलता ही मिली.

मुस्लिम बहुल इलाके में हारे

अजित पवार इस बार बीजेपी के साथ गठबंधन में थे. ऐसे में कहा जा रहा था कि मुस्लिम बहुल सीटों पर शरद पवार की पार्टी आसानी से जीत सकती है, लेकिन सीनियर पवार यहां भी अजित से मात खा गए हैं.

मुस्लिम बहुल अणुशक्तिनगर और कागल में अजित के ही उम्मीदवार ने जीत हासिल की है. अणुशक्तिनगर में नवाब मलिक की बेटी सना ने शरद पवार के उम्मीदवार फहाद अहमद को हराया है. फहाद यहां करीब 3300 वोटों से हारे हैं.

कागल सीट पर मंत्री हसन मुस्रीफ ने जीत हासिल की है. मुस्रीफ ने शरद पवार के उम्मीदवार समरजीत घटगे को यहां पटखनी दी है. दिलचस्प बात है कि शिवसेना (यूबीटी) और सपा ने मुस्लिम बहुल सीट पर अजित को पटखनी दे दी है.

बांद्रा ईस्ट सीट पर शिवसेना (उद्धव) के वरुण सरदेसाई ने अजित के उम्मीदवार जीशान सिद्दीकी को हरा दिया है. इसी तरह मानखुर्द सीट पर नवाब मलिक को हराकर सपा के अबु आजमी फिर विधायक बन गए हैं.

लोकसभा के मुकाबले बड़ा उलटफेर

लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी को 38 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी, लेकिन पार्टी इस बार 10 पर सिमट गई है. शरद पवार के गढ़ बारामती में लोकसभा चुनाव के दौरान सुप्रिया सुले को करीब 40 हजार वोटों की बढ़त मिली थी, लेकिन अजित ने यहां इस बार 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है.

इसी तरह शिरुर, परली और येवला सीट पर देखा गया है. इन सीटों पर अजित के दिग्गज चुनाव लड़ रहे थे. लोकसभा में यहां से शरद की पार्टी को बढ़त मिली थी, लेकिन विधानसभा में अजित ने खेल कर दिया.

42 सीटों पर अजित Vs शरद

महाराष्ट्र के दंगल में विधानसभा की 42 सीटों पर अजित और शरद के बीच सीधा मुकाबला था. चुनाव आयोग के मुताबिक इन 42 में से 7 सीटों पर शरद पवार और बाकी सीटों पर अजित की पार्टी की जीत हुई है.

शरद पवार ने जिन 7 सीटों पर जीत हासिल की है. उनमें इस्लामपुर, बीड और तासगांव जैसी सीटें शामिल हैं. वहीं अजित ने बारामती, येवला, डिंडौरी और आंबेगाव जैसी बड़ी सीटों पर जीत हासिल की है.

विधानसभा चुनाव में अजित की पार्टी ने करीब 60 तो शरद पवार की पार्टी ने 90 उम्मीदवार उतारे थे.

महाराष्ट्र का फाइनल रिजल्ट क्या है?

चुनाव आयोग के मुताबिक बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. बीजेपी को 132 सीटों पर जीत मिली है. शिवसेना (शिंदे) को 57 और एनसीपी-अजित को 41 सीटों पर जीत मिली है. उद्धव ठाकरे की पार्टी ने 20 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस को 16 और शरद पवार की पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली है.

अन्य को 10 सीटों पर जीत मिली है. इनमें 2 सपा और 2 जनसुराज शक्ति की सीटें शामिल हैं. महाराष्ट्र में इस बार 2 निर्दलीय भी जीतने में सफल रहे हैं.

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