देश- Ajmer Dargah Cotroversy: 800 साल पुराना इतिहास, राजा-महाराजाओं ने चढ़ाई यहां चादर… दरगाह शरीफ विवाद पर बोले जायरीन- #NA
अजमेर शरीफ दरगाह.
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा अजमेर न्यायालय में दायर किए गए दरगाह शरीफ में शिव मंदिर होने के मामले में कोर्ट ने वाद स्वीकार कर लिया है. मामले को लेकर न्यायालय ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश भी दिया है और अगली सुनवाई की तारीख 20 दिसंबर निर्धारित की है. वहीं इस वाद के खिलाफ अजमेर दरगाह से जुड़ी अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने एक बयान जारी कर कहा कि कभी मथुरा, कभी काशी, बाबरी मस्जिद के बाद अब कुछ नहीं होगा उन्होंने वरशिप एक्ट का भी हवाला देते हुए अब अजमेर दरगाह मामले पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बयान जारी किया है.
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर के वाद पेश होने के बाद अजमेर दरगाह दिवान के उत्तराधिकारी और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि यह एक न्याय प्रक्रिया है और न्याय प्रक्रिया में ज्यादा बोलना उचित नहीं है. न्यायालय में अपनी बात रखने का सभी को अधिकार है. हम हमारे वकीलों से इस पर राय ले रहे हैं. आगे की कानूनी प्रक्रिया जो अपनानी होगी अपनाएंगे. साथ ही हम मामले पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. हम कोशिश करेंगे कि इस मामले को खारिज कराया जाए और अपना पक्ष मजबूती से रखा जाए.
मोहन भागवत के बयान का जिक्र किया
नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि मैं इसमें एक बात रखना चाहूंगा कि यह जो एक नई परिपाटी डाल दी गई है कि हर शख्स उठकर आ रहा है और हिंदुस्तान में मस्जिदों और दरगाहों पे ये क्लेम किया जा रहा है कि यह मंदिर थे. यह परिपाटी देश के और समाज के हित में नहीं है. मैं मोहन भागवत के 2022 के बयान से भी इत्तेफाक रखता हूं, जिसमें उन्हीने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश न करें.
800 साल पुराना है दरगाह का इतिहास
उन्होंने कहा कि हरविलास शारदा की किताब का हवाला देकर वाद पेश किया गया है, लेकिन हरविलास शारदा कोई इतिहासकार नहीं थे और उन्होंने अपनी किताब में जो भी दावे किए हैं, उसमें किसी भी रिफरेंस का प्रयोग नहीं किया है. दरगाह के 800 साल पुराने इतिहास को नकारा नहीं जा सकता. यहां हिंदू राजा-महाराजाओं ने भी अकीदत के फूल पेश किए गए हैं. दरगाह के अंदर जो चांदी का कटहरा है, जिसमें 42,961 टोला चांदी का प्रयोग किया गया है, यह जयपुर के महाराज का चढ़ाया हुआ है.
कौमी एकता की सबसे बड़ी मिसाल ख्वाजा साहब की दरगाह
वहीं इस पूरे मामले पर दरगाह के बाहर देशभर से आए जायरीनों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कौमी एकता की सबसे बड़ी मिसाल ख्वाजा साहब की दरगाह है. जायरीनों ने कहा कि हम पीढ़ी दर पीढ़ी ख्वाजा साहब की दरगाह पर जियारत कर रहे हैं. हमारी मन्नत यहां कबूल होती है. ख्वाजा साहब की दरगाह का 800 साल पुराना इतिहास है, जिसमें कहीं भी शिव मंदिर होने का उल्लेख नहीं है. जायरीनों ने कहा कि पूरे मामले पर राजनीति हो रही है. जल्द ही सच सामने आएगा. दरगाह गेट के बाहर दुकानदारों ने कहा कि दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने की बात पहली बार सुन रहे हैं. हमारा मानना है कि इसमें राजनीति हो रही है.
20 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
वहीं हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के अजमेर सिविल न्यायिक कोर्ट में अजमेर दरगाह पर महादेव मंदिर के दावे के वाद पेश करने में बाद विष्णु गुप्ता के वकील रामस्वरूप विश्नोई और योगेश सिरोलिया ने बताया कि हमने परिवादी विष्णु गुप्ता के दिए तथ्यों के आधार पर वाद पेश किया है. इस वाद में हरविलास शारदा की लिखी किताब में दिए तथ्यों को आधार बनाया गया है. वाद में एएसआई सर्वे और दरगाह में पूजा-अर्चना की मांग की गई है. इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी, जिसमें अल्पसंख्यक विभाग, दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा गया है.
हर घटना को राजनीतिक चश्मे से न देखें- नीरज जैन
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता का ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने के बाद अजमेर के बीजेपी के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट का फैसला सर्वमान्य होना चाहिए. नीरज जैन ने कहा कि सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. अंजुमन सोसायटी के अंजुमन चिश्ती के बयान पर नीरज जैन ने कहा कि सरवर चिश्ती खुद साम्प्रदायिकता फैलाने और भड़काने का काम करते हैं. सर तन से जुदा के नारे लगाने वालों का वो समर्थन करते हैं. हर घटना को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.
भाजपा का डबल इंजन फेल हो चुका- प्रताप सिंह खाचरियावास
वहीं इस मामले पर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा दंगे फसाद करवाना चाहती है. भाजपा का डबल इंजन फेल हो चुका है. राजस्थान की धरती पर बीजेपी हिंदू-मुसलमान को लड़ाने का काम करेगी तो हम उसका विरोध करेंगे. अजमेर की ख्वाजा साहब की दरगाह में दुनिया भर से हर धर्म के लाखों जायरीन आते हैं. वहां प्रधानमंत्री की भी चादर चढ़ाई जाती है. देश के तमाम रियासतों से चादर चढ़ाई जाती है. अगर इतिहास की बात की जाए तो देशभर से तमाम राजा चाहे वह हिंदू हों या मुस्लिम हों ख्वाजा साहब की दरगाह पर चादर चढ़ाते थे.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि आज की बीजेपी की डबल इंजन सरकार हिंदू-मुसलमान को लड़ाने का काम कर रही है. सरकार को कानून-व्यवस्था बनानी चाहिए, न कि बिगाड़नी चाहिए. बीजेपी के नए एजेंट दरगाहों के अंदर मंदिर ढूंढने का काम कर रहे हैं. पहले यह जांच होनी चाहिए कि यह विष्णु गुप्ता कौन है. इसका राजस्थान से कोई वास्ता नहीं है. मुझे पूरा विश्वास है कि दो या चार तारीख पर यह पूरा मामला खारिज हो जाएगा, लेकिन तब तक हिंदू-मुसलमान का झगड़ा करने का काम यह लोग कर चुके होंगे.
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