देश- Uttarakhand News: पानी के लिए पेड़ों की कुर्बानी, सौंग बांध के लिए काटे जाएंगे एक हजार पेड़- #NA
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उत्तराखंड जिसे देवभूमि भी कहा जाता है. यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. यहां के कई पर्यटन स्थल फेमस हैं, जहां लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. यहां की चारधाम यात्रा तो विश्व प्रसिद्ध है. वहीं पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां पहाड़ों को काटकर सड़कें चौड़ी की जा रही हैं. पे़ड़ तक काटे जा रहे हैं. तरह-तरह के विकास कार्य हो रहे हैं, जिससे उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंरदरता को भी नुकसान पहुंच रहा है.
वहीं अब सौंग बांध परियोजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एक हजार हरे पेड़ काटे जाने की तैयारी है. मालदवेता के पास द्वारा इलाके में इसके लिए करीब चार हेक्टेयर वन भूमि चिन्हित कर ली गई है. वन विभाग ने इन पेड़ों की गिनती भी शुरू कर दी है. अब इन पेड़ों के काटे जाने की परिमिशन ली जानी बाकी है. परिमिशन मिलते ही इन पेड़ों की कटाई शुरू हो जाएगी.
सौंग बांध से होगी पीने के पानी की सप्लाई
बता दें कि इस ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पहले खलंगा में वन भूमि पर दो हजार पेड़ काटे जाने थे, लेकिन वहां जब इसका भारी विरोध हुआ तो वन विभाग ने जमीन देने से इनकार कर दिया. दरअसल, सौंग बांध से देहरादून शहर और इसके आसपास पीने के पानी की सप्लाई होनी है. इसी वजह से यहां ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है. पहले इस प्लांट के लिए खलंगा में वन विभाग जमीन दे रहा था, लेकिन वहां के लोगों ने विरोध किया तो वन विभाग ने इनकार कर दिया.
खलंगा में 2 हजार पेड़ काटे जाने थे
खलंगा के लोगों का कहना था कि यहां करीब दो हजार पेड़ काटे जाने का प्रस्ताव था. वन विभाग और पेयजल निगम ने पेड़ों की गिनती करके निशान भी लगाना शुरू कर दिया था, लेकिन जैसे ही उन लोगों को इसकी जानकारी हुई तो वह लोग विरोध पर उतर आए. स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां ऐतिहासिक खलंगा स्मारक है. जंगल भी काफी घना है. ऐसे में यहां की प्राकृतिक सुंदरता को इस वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से काफी नुकसान पहुंचता.
4.2 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई
भारी विरोध के चलते वन विभाग को इस प्रोजेक्ट के लिए वन भूमि देने से मना करना पड़ा. अब वन विभाग ने नई जगह पर जमीन चिन्हित कर ली है, लेकिन यहां भी एक हजार पेड़ इस ट्रीटमेंट प्लांट की जद में आ रहे हैं. रायपुर रेंज के डिप्टी रेंजर वीडी जोशी ने बताया कि द्वारा में ट्रीटमेंट प्लांट के लिए करीब 4.2 हेक्टेयर वन भूमि चिन्हित की गई है, जिसमें पेड़ों की गिनती की जा रही है.
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