धर्म-कर्म-ज्योतिष – Guru Nanak Jayanti 2024: गुरु पर्व कब मनाया जाएगा, जानें गुरु नानक देव की 10 बड़ी शिक्षाएं #INA

Guru Nanak Jayanti 2024: कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पर्व मनाया जाता है, जिसे गुरुनानक जयंती भी रहते हैं. ये दिन सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस के रूप में इस धर्म समुदाय के लोग मनाते हैं, जिसे सिख समुदाय का सबसे प्रमुख त्योहार और प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को पूरी दुनिया में श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है. गुरु नानक देव जी ने समाज को सत्य, प्रेम और भाईचारे की अनमोल शिक्षाएं दीं. इस खास अवसर पर आइए जानते हैं उनकी 10 सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख शिक्षाएं क्या हैं. 

गुरु नानक देव जी की 10 प्रसिद्ध शिक्षाएं

एक ओंकार

गुरु नानक देव जी (gugu nanak) ने सिखाया एक ओंकार कि ईश्वर एक है और वह सभी में विद्यमान है. चाहे हम किसी भी धर्म का पालन करें ईश्वर की उपासना का मार्ग एक ही है. उनकी ये शिक्षा एर ओंकार हमें ब्रह्मांड में एकता और समानता की प्रेरणा देती है.

नाम जपो 

गुरु जी ने कहा कि ईश्वर के नाम का जाप करते रहना चाहिए. इसके माध्यम से हम अपनी आत्मा को शुद्ध कर सकते हैं और अपने जीवन में संतुलन ला सकते हैं. वहिगुरु का नाम सिमरन करना सिख धर्म का एक प्रमुख साधना है.

किरत करो

गुरु नानक ने यह शिक्षा दी कि जीवन में मेहनत और ईमानदारी से काम करना चाहिए. बिना परिश्रम के मिला धन या सफलता टिकाऊ नहीं होती है.

वंड छको

दूसरों के साथ मिलकर खाने और जरूरतमंदों की सहायता करने की शिक्षा दी गई है. यह समाज में भाईचारे और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है.

सभी का सम्मान करो

गुरु नानक देव जी ने हर व्यक्ति को समान समझने की शिक्षा दी. चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, या वर्ग का हो, सभी का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने समाज में व्याप्त भेदभाव को मिटाने की कोशिश की.

सेवा भावना

गुरु जी ने निःस्वार्थ सेवा का महत्व समझाया. उन्होंने सिखाया कि ईश्वर की भक्ति सेवा में है, और सेवा करने से हमें आंतरिक शांति मिलती है. उनके अनुयायी इस सेवा भावना को आज भी लंगर के माध्यम से निभाते हैं.

संतोष रखें

उनका ये कहना था कि संतोषी जीवन ही सच्ची खुशी देता है. असंतोष और लोभ से दूर रहना चाहिए. संतोष से हम अपने जीवन में खुश रह सकते हैं और दूसरों के प्रति सच्चा प्रेम महसूस कर सकते हैं.

सत्संग का महत्व

गुरु नानक देव जी ने सत्संग (सच्चे संगत) में रहने पर जोर दिया. सच्चे लोगों का संग हमें सही मार्ग पर ले जाता है और हमें बुरी संगत से बचने की प्रेरणा देता है.

निंदा और अहंकार से बचें

उन्होने निंदा और अहंकार से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति दूसरों की निंदा करता है और अहंकारी है, उसे कभी सच्ची खुशी नहीं मिलती है. नम्रता और विनम्रता को अपनाने का संदेश दिया.

सत्यमार्ग पर चलें

गुरु नानक देव जी ने हमेशा सत्य बोलने और सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी. उन्होंने सिखाया कि झूठ और छल-कपट से हमें कभी सच्चा आनंद नहीं मिल सकता.

गुरु नानक देव जी (guru nanak dev ji) की शिक्षाएं हमें सच्चा, सरल और आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं. उनकी शिक्षाओं के माध्यम से हम एक समर्पित और संतोषी जीवन का अनुभव कर सकते हैं. गुरु नानक जयंती (guru nanak Jayanti) पर उनके विचारों को जीवन में अपनाने का संकल्प लेना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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