धर्म-कर्म-ज्योतिष – Mahakumbh 2025 Shahi Snan: महाकुंभ में ये हैं शाही स्नान की 5 तिथियां, जब प्रयागराज में होगी सबसे ज्यादा भीड़ #INA

Mahakumbh 2025 Shahi Snan: महाकुंभ में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगला महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है जो 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. इन 40-45 दिनों तक चलने वाले मेले में इस साल 40 से 46 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और संगम में डुबकी लगाने का अनुमान लगाया जा रहा है. इन दिनों जबरदस्त भीड़ तो होगी ही लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ी इन 5 मुख्य तिथियों पर होगी. महाकुंभ के ये 5 शाही स्नान बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. 

14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति

इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण का आरंभ होता है. इसी दिन महाकुंभ मेले में शाही स्नान का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध होता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी दूर होती है.

29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या

महाकुंभ में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या को पितरों का तर्पण करने का दिन माना जाता है. इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है.

3 फरवरी 2025 – बसंत पंचमी

जब बसंत पंचमी का दिन महाकुंभ के दौरान आता है तो इसका महत्व और बढ़ जाता है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के साथ महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति को ज्ञान और कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.  महाकुंभ की पवित्रता और बसंत पंचमी के ज्ञान का संगम व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाता है.

12 फरवरी 2025 – माघी पूर्णिमा

हिंदू धर्म में माघ महीने को पवित्र माना जाता है. इस महीने में आने वाली पूर्णिमा तिथि के भी विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन मन से कोई भी मनोकामना मांगी जाए तो वह अवश्य पूरी होती है. माघ महीने को पितरों को समर्पित माना जाता है. माघी पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है.

26 फरवरी 2025 – महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि और महाकुंभ दोनों ही हिंदू धर्म के अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार हैं. जब ये दोनों एक साथ आते हैं तो इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिव जी को संहार और सृजन के देवता माना जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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