पवई में वन्यजीव सप्ताह पर किया गया चित्रकला का आयोजन

रिपोर्ट अमरदीप नारायण प्रसाद

पवई : शासकीय माध्यमिक शाला नारायणपुरा में वन्य जीव सप्ताह पर चित्रकला का आयोजन किया गया इसमें प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त छात्र. छात्राओं को पुरस्कार दिया गया इस अवसर पर पर्यावरण प्रेमी शिक्षक सतानंद पाठक ने वन्य जीव सप्ताह के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए छात्राओं को बताया कि हमारा यह भारतवर्ष संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है. हमारे देश में प्रत्येक दिन को महत्वता दी गई है. जिसे हम किसी न किसी रूप में मनाते है. इसी के चलते हमारे देश में अक्टूबर महीने की 2 से 8 तारीख तक वन्यजीव सप्ताह के रूप में मनाते है .वन्यजीव पर्यावरण का एक अभिन्न अंग है.हमारे देश के धन का गठन इन्ही से होता है. इसमें जंगली जानवर, पक्षी, पौधे आदि शामिल हैं.

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वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को ‘वन्य प्राणी दिवस’ मनाया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 2 अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है।

पर्यावरण प्रेमी शिक्षक सतानंद पाठक ने आगे बताया कि प्रत्येक समुदायों व परिवारों को प्रकृति से जोड़ना, मानव के अंदर संरक्षण की भावना पैदा करना, वन्यजीव व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक रहना, इस अभियान की उद्देशिका यह है.की हमें हमेशा प्रत्येक वन्य-प्राणी,पशु -पक्षियों और पौधों को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करना चाहिए . इसके लिए केन्द्र सरकार ने कुछ क्षेत्रों को अभयारण्य या राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी घोषित किया है .सरकार ने अधिनियम के तहत सभी जंगली जानवरों और पक्षियों आदि के शिकार पर रोक लगाईं ,और सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान भी रखा गया.

प्रकृति के अनुसार मानव,पर्यावरण और वन्यजीव एक दुसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए है .मनुष्य के शरीर व मस्तिष्क को स्वस्थ रखने ,शुद्ध ऊर्जा प्राप्त करने के लिये हमारे पर्यावरण को शुद्ध व साफ सुथरा रखना बेहद ही जरूरी है .पर्यावरण से ही मानव का जीवन सम्भव है .और पर्यावरण को शुद्ध व साफ सुथरा रखना है तो वन व वन्यजीवों की सुरक्षा करना जरूरी है.

वन्यजीव सप्ताह क्यों मनाया जाता है
वन्यजीवों के बिना मनुष्य का कोई अस्तित्व ही न रह जाएगा, उसका जीवन संकट में पड़ जायेगा. इसलिए वन्यजीवों के महत्व को समझने व इनके प्रति जागरूक रहने के लिए सम्पूर्ण विश्व में एक अभियान के रूप में वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है.वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये प्रत्येक व्यक्ति को आगे लाने के लिए भारतीय वन्य जीव बोर्ड ने वन्यजीव सप्ताह मनाने का निर्णय लिया और तब से यह 2 से 8 अक्टूबर तक प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.

आज प्रकृति से जो भी प्राप्त हो रहा है .सबकी कुछ न कुछ महत्वता है.चाहे वह जीव हो या पेड़ -पौधे ,सभी एक दूसरे से जुड़े हुए है.आज यदि वृक्ष है तो ही मानव और प्राणियों का जीवन सम्भव है. आज की कार्यक्रम में शाला की प्रधान अध्यापक श्रीमती माया पर खरे उपस्थित रही ।

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