फेसबुक अकाउंट बता रहा है सनातन विरोधी है रामेश्वर

🔴रामेश्वर ने नवरात्र में माँ दुर्गा पर की गई घटिया टिप्पणी को  किया था शेयर

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कुशीनगर । खेल वही इसने भी खेला पहले गुरु अब आया चेला।। यह पंक्तियाँ राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष व पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के पीआरओ रहे और नवरात्र माह मे माता जगत जननी दुर्गा पर आपत्तिजनक टिप्पणी को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने वाले रामेश्वर कुशवाहा पर सटीक बैठती है। हिन्दू समाज के विरोध व कानूनी शिंकजा में फंसने के बाद भले ही रामेश्वर यह कहते फिर रहे हैं कि उनकी कोई गलती नही है किसी ने उनका मोबाइल लेकर माता दुर्गा पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी  शेयर कर दिया है लेकिन सच्चाई यह है रामेश्वर हिन्दू देवी-देवताओं के घोर विरोधी है। अगर यकीन न हो तो एक बार रामेश्वर का उस फेसबुक एकाउंट पर नजर दौड़ा लिजिए जिससे माॅ जगदम्बे पर की गई अनैतिक टिप्पणी को शेयर किया गया है।

काबिलेजिक्र है कि रामेश्वर कुशवाहा वर्तमान समय में स्वामी प्रसाद मौर्य के खुद की पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के कुशीनगर जनपद के जिलाध्यक्ष है। इससे पहले जब स्वामी प्रसाद मौर्य मंत्री हुआ करते थे तो रामेश्वर उनके पीआरओ रह चुके है। स्वामी प्रसाद मौर्य वही है जो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कभी प्रथम पूज्यदेव श्रीगणेश, माता पार्वती, माँ लक्ष्मी व प्रभू श्रीराम सहित हिन्दू देवी-देवताओं पर ओछी और आपत्तिजनक टिप्पणी कर हमेशा चर्चा मे रहने की आदत से लाचार है। सूत्र बताते है कि इन्ही के पदचिन्हो पर इनके पीआरओ रहे रामेश्वर कुशवाहा भी चलकर हिन्दू समाज पर आघात कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास किया है। यह बात दीगर है कि हिन्दू समाज का विरोध और कानूनी लफड़ा देख रामेश्वर अपने कुकर्म का ठिकरा दुसरे पर फोड़ कर कुकर्म की सजा से बचना चाहते है।

🔴 …. तो फिर किसने किया शेयर

नवरात्र के पावन सप्ताह में देवी-देवता विरोधी विकास मौर्य नामक युवक द्वारा फेसबुक अकाउंट पर माँ जगत जननी पर घटिया व अभद्र टिप्पणी किया गया था जिसे स्वामी प्रसाद मौर्य के राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के कुशीनगर जनपद के जिलाध्यक्ष रामेश्वर कुशवाहा ने बड़ी ही निर्लज्जता से शेयर किया था। हिन्दू समाज के विरोध और मुकदमा दर्ज होने के बाद जब रामेश्वर को अपनी गलती का एहसास हुआ तो यह कहकर कानूनी शिकंजे से बचने का प्रयास करने लगे कि किसी ने उनका मोबाइल लेकर उनके फेसबुक अकाउंट से माँ दुर्गा पर कई गयी टिप्पणी को शेयर कर दिया। अब सवाल यह उठता कि अगर किसी ने रामेश्वर कुशवाहा का मोबाइल लेकर उनके फेसबुक अकाउंट से वह आपत्तिजनक टिप्पणी शेयर कर दिया तो वह व्यक्ति कौन है? स्वभाविक सी बात है रामेश्वर से मोबाइल लेने वाला व्यक्ति उनका जान-पहचान का ही होगा फिर उस व्यक्ति का नाम रामेश्वर क्यो नही सार्वजनिक कर रहे है ?

🔴 देवी-देवताओं के घोर विरोधी है रामेश्वर

रामेश्वर कुशवाहा अपने बचाव में चाहे जो कहें लेकिन इनका फेसबुक अकाउंट देवी-देवताओं और ब्राह्मण विरोधी होने का पोल खो रहा है। रामेश्वर के फेसबुक अकाउंट पर नजर दौड़ायें तो 20 सितम्बर को रामेश्वर द्वारा अपने फेसबुक अकाउंट से प्रताप नारायण गंगवार द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो ” पढ़े  लिखे जो गोबर पूजे उसे शिक्षित ना कहिओ, एक दिन पाखंडी हो जायेगें तु देखते रहियो। ”शेयर किया गया है। 10 सितम्बर को भगवान हनुमान पर की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी वाला वीडियो शेयर किया गया है। इसी दिन पीएम मोदी पर की गयी टिप्पणी ” जो व्यक्ति अग्नि को साक्षी मानकर अपनी बीबी को गारन्टी नही दे पाया वो जनता को क्या गारंटी देगा। ”10 सितम्बर को ही भगवान श्रीगणेश, माता सरस्वती, शंख आदि पर की गयी घटिया टिप्पणी वाले वीडियो को रामेश्वर द्वारा शेयर कर यह साबित किया गया है कि वह हिन्दू  देवी-देवताओं का न सिर्फ विरोध करते है बल्कि उनके मन में देवी-देवताओं के प्रति घृणा और नफरत व्याप्त है। इसी कड़ी में रामेश्वर कुशवाहा ने अपने फैशबुक अकाउंट से 5 सितम्बर को जो वीडियो शेयर किया है उसमें दिखाया जा रहा है कि बाम्ह्णण अपने मंत्रो से गोबर को गणेश बना देता है लेकिन शुद्र को इंसान नही बना सकता है। वीडियो मे मनुस्मृति व बाम्ह्णण को अपमानित करते हुए दिखाया गया है। 2 सितंबर को रामेश्वर ने सतवंत सिंह राना का एक वीडियो प्रसारित किया है जिसमें भगवान श्रीराम को अपमानित किया जा रहा है। 24 अगस्त को ” दूध बहाकर गौमूत्र पी जाए ऐसे कर्मो से बचिओ। ” वीडियो शेयर किया गया है। 15 दिसंबर – 2023 को कथावाचक रंजीत का प्रवचन वीडियो जिसमे भगवान शिव, श्रीराम, श्री हरि विष्णु, हनुमान, मात लक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं पर की गयी अपमानजनक टिप्पणी को शेयर किया गया है। रामेश्वर का फेसबुक अकाउंट इस बात की ओर इशारा करता है कि  हिन्दू देवी-देवताओं के प्रति रामेश्वर मन मे घोर नफरत और घृणा है।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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