बेटे के लिए इच्छामृत्यु चाहते थे मां-बाप, पूर्व चीफ जस्टिस ने सुनाया ऐसा फैसला, आप भी नहीं रोक पाएंगे आंसू #INA

Ex CJI DY Chandrachud: पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई  चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की और उन्हें लेकर आदेश सुनाए. अपने आखिरी वर्किंग डे यानी कार्य दिवस के दिन भी उन्होंने कई अहम फैसले सुनाए. इन्हीं में से एक था अपने बेटे के लिए इच्छामृत्यु की मांगने पहुंचे मां-बाप का मामला. जिसे लेकर पूर्व सीजेआई ने ऐसा फैसला सुनाया जिसे जानकर हर कोई उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाएगा.

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, 30 वर्षीय हरीश राणा के माता-पिता उसके लिए इच्छामृत्यु मांगने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. हरीश राणा पिछले 13 साल से वेजेटेटिव स्टेट में थे. बेटे के एक दशक से ज्यादा समय से बिस्तर पर पड़े रहने से मां-बाप पर आर्थिक तंगी आ गई. अब वह बेटे का खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे. इसलिए उन्होंने उसके लिए इच्छामृत्यु की मांग की. लेकिन पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ के दखल की वजह से मां-बाप को बड़ी राहत मिल गई.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं माता-पिता

बता दें कि वेजेटेटिव स्टेट में होने का मतलब किसी ऐसे व्यक्ति से है जो जागृत अवस्था में तो है लेकिन उसे कोई  अनुभव नहीं होता. उसकी आंखें खुली रहती हैं लेकिन उसे शून्य अनुभव होता है. 13 साल से बेटे के इलाज का खर्च उठाते- उठाते बूढ़े-माता पिता परेशान थे, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पैसिव इच्छामृत्यु की मांग की. उनका कहना था कि उनके बेटे से आर्टिफिशियल लाइफ सपोर्ट हटा लिया जाए.

बता दें कि 62 साल के अशोक राणा और उनकी पत्नी निर्मला देवी को बेटे के इलाज के लिए आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. 13 साल पहले उनका बेटा चौथी मंजिल से नीचे गिर गया था. जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई थी और वह तब से अब तक लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर जीवित है.

पूर्व सीजेआई ने आखिरी दिन दिया ये आदेश

इस मामले की सुनवाई करते वक्त पर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ऐसा फैसला सुनाया जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, अपनी आखिरी सुनवाई में सीजेआई चंद्रचूड़ ने केंद्र की स्टेटस रिपोर्ट देखी. उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि सरकार युवक के इलाज की पूरी व्यवस्था करे. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि युवक के लिए घर पर ही लाइफ सपोर्ट लगाया जाए.  साथ ही फिजियोथेरेपिस्ट और डायटीसियन भी रेग्युलर विजिट करें. वहीं जरूरत पड़ने पर डॉक्टर और नर्सिंग सपोर्ट का भी इंतजाम किया जाए.


#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह न्यूज़स्टेट डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज़स्टेट डॉट कॉम की ही होगी.

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science