मजदूर-किसान संगठनों का समस्तीपुर जिला मुख्यालय पर चेतावनी रैली 26 नवंबर की तैयारी पर बैठक
रिपोर्ट अमरदीप नारायण प्रसाद
समस्तीपुर अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ऐक्टू की संयुक्त बैठक भाकपा (माले) जिला कार्यालय मालगोदाम समस्तीपुर परिषर में तीन सदस्य अध्यक्षमंडलीय खेग्रामस जिलाध्यक्ष उपेन्द्र राय किसान महासभा जिला सचिव ललन कुमार ऐक्टू जिला संयोजक जयंत कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में बैठक सम्पन हुई।
बैठक में भाकपा (माले) जिला सचिव प्रो.उमेश कुमार खेग्रामस जिला सचिव ऐक्टू राज्य परिषद सदस्य जीवछ पासवान ऐक्टू जिला संयोजक जयंत कुमार कर्मचारी गोप महासंघ के जिलामंत्री अजय कुमार किसान नेता सुनिल कुमार उमेश राय राजकुमार पासवान मजदूर नेता सुरेश कुमार डॉ.खुर्शीद खैर अनिल कुमार आदि नेताओं ने बैठक में भाग लिया।
किसान महसभा जिला सचिव ललन कुमार एवं खेग्रामस जिला सचिव सह ऐक्टू राज्य परिषद सदस्य जीवछ पासवान ने संबोधित करते हुए कहा संयुकत किसान मोर्चा और केन्द्रीय टरेड यूनियन संगठनों तथा खेत मजदूर संगठनों ने 26 नवंबर 2024 को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर सहित समस्तीपुर जिला मुख्यालय पर चेतावनी रैली आयोजित करने का आह्रान किया है। यह रैली 2020 में किसानों के ऐतिहासिक संसद मार्च और मजदूरों की आम हड़ताल की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जा रही है। हम सभी जानते हैं कि किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन 384 दिनों तक जारी रहा और इसने एनडीय-2 सरकार को संसद में कुख्यात तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर किया था। हमे उम्मीद है कि रैली देश भर के समस्तीपुर जिला सहित 500 जिलों में आयोजित की जाएगी। इस रैली के जरिए किसानो, मजदूरों तथा तमाम मेहनतकश वर्गों की न्यायपूर्ण मांगों को उठाया जाएगा।
देश के विकास में मजदूरों किसानों एवं मेहनतकश वर्गों का अहम योगदान रहा है। उनकी उन्नति ही सही अर्थो में देश की प्रगति का सूचक है। लेकिन हमारे देश की सरकारें चाहे केन्द्र की हो या राज्यों की बडे-बडे़ पूंजीपतियों कारपोरेट घरानों और बडे़ भूस्वामियंं के निहित स्वार्थों में काम करती है। हमारे देश का शासक वर्ग साम्राज्यवादी शक्तियों के साथ सांठगांठ करता है और साम्राज्यपरस्त नव उदारवादी नितियों को लागू करता है। फलस्वरुप एक ओर जहां देश की आम जनता खासकर मेहनतकश आवाम बदहाली की शिकार है वही मुठ्ठीभर अमीरों धन्नासेठों पूंजीपतियों भूस्वामियों एवं लूटेरों के पास देश की धन सम्पदा बडा़ हिस्सा गिरवी है।
पिछले दस बर्षो से अधिक समय से मुल्क में एक फासिस्ट मनोमिजाज वाली सरकार सत्तासीन है। भाजपा के नेतृत्व में वाली इस
जनविरोधी,मजदूर -किसान विरोधी कारपोरेट पक्षी सरकार ने नरेन्द्र मोदी की आगुवाई में देश में जनतांत्रिक अधिकारों,नागरिक स्वतंत्रताओं एवं जनता द्वारा संघर्षो की बदौलत हासिल अधिकारों पर लगातार हमले किये हैं और देश में एक तानाशाही हुकूमत कायम करने की कोशिश की जा है।यह बात दिन के उजाले की तरह साफ है कि किसी भी निरंकुश एवं फासिस्ट तानाशाही हुकूमत का मुकाबला मजदूर-किसानों मेहनतकश और तमाम शोषित उत्पीडि़त जन-गण की सशक्त एकजुटता और जुझारु संघर्षों के माध्यम से ही हो सकता है।