यूपी- कभी थे खलनायक, अब ‘नायक’… गैंगस्टर से नेता बने सुशील गुर्जर की कहानी – INA

14 वर्ष की उम्र में पहली हत्या करने वाले माफिया डॉन सुनील राठी को कभी शार्प शूटर कहा जाता तो कभी पश्चिमी यूपी का आतंक का पर्याय माना जाता रहा है, तो कभी कुख्यात चीनू पंडित पर जेल के बाहर हमला करने का मास्टरमाइंड बताया गया. सुनील राठी के खिलाफ मुकदमों की एक लंबी लिस्ट है लेकिन ये अभी भी खुद को अपराधी नहीं मानते हैं और खुद को समाजसेवी बताते है.अब राजनीति में आकर देश-प्रदेश की तरक्की और विकास का दम भर रहे हैं.

हम बात कर रहे हैं, खलनायक से नायक बने और अब नेता बने सुभासपा के राष्ट्रीय सचिव सुशील गुर्जर की. सुशील गुर्जर उस गांव के रहने वाले हैं जिस गांव का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसलिए दर्ज है क्योंकि इस गांव का कोई भी शख्स मांस मदिरा तो छोड़िए प्याज और लहसुन तक नहीं खाता है., धार्मिक रूप से अपनी अलग पहचान रखने वाले देवबंद के इस मिरगपुर गांव की एक पहचान पश्चिमी यूपी के अपराधी रहे सुशील गुर्जर से भी होती है. सुशील गुर्जर की उम्र जब 14 साल की थी तो उन्हें हत्या के मामले में आरोपी और षड्यंत्रकारी बनाया गया था. सुशील गुर्जर बताते हैं कि मेरे ऊपर इलाके की राजनीतिक रंजिश के चलते मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में जो मुख्य गवाह थे उन्होंने कोर्ट में बताया था कि हत्या करने वालों की उम्र 28 से 35 साल की थी. इसके बावजूद मुख्य आरोपियों को राहत मिली और हाईकोर्ट ने उन्हें बारी कर दिया था.

कोर्ट ने इन मामलों में किया था बरी

सुशील गुर्जर के बारे में कहा जाता है कि हत्या के मामले में नामजद होने के बाद उनके सिर एक और हत्या का इल्जाम लगा. इस बार इल्जाम उत्तराखंड के लक्सर के चर्चित संजय प्रधान की हत्या का था. कहा जाता है कि संजय प्रधान हिस्ट्रीशीटर अपराधी था और कुछ लोगों ने रंजिश में उसकी हत्या कर दी. इस मामले में संजय के परिजनों ने सुशील गुर्जर को नामजद किया लेकिन कहा जाता है कि सुशील की दहशत की वजह से कोई गवाह समाने नहीं आया और कोर्ट से उसे बरी कर दिया गया. संजय की मां की हत्या हुई तो उसमें भी सुशील गुर्जर का नाम शामिल किया गया. सुशील गुर्जर पर संजय प्रधान की मां की हत्या का भी आरोप लगा और उनका मुख्य साजिश करता बताया गया, लेकिन दोनों मामलों में कोर्ट ने सुशील गुर्जर को बरी कर दिया.

उत्तराखंड पुलिस ने किया था अरेस्ट

माफिया डॉन सुनील राठी के साथ संबंधों पर सुशील गुर्जर बताते हैं कि जब वह उत्तराखंड की हरिद्वार जेल में बंद था तब उनकी मुलाकात सुनील राठी से हुई थी. वह उनके गैंग के सदस्य नहीं हैं. जबकि वर्ष 2023 में सुशील गुर्जर को उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस ने एक प्रॉपर्टी डीलर से 50 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सुशील गुर्जर को सुनील राठी गैंग के नाम पर रंगदारी मांगने का आरोप लगा था. जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

जेल में बंद सुनील राठी के साथ बढ़ती नजदीकियों के चलते, जब कुख्यात अपराधी चीनू पंडित पर जेल में हमला हुआ तो, उसका आरोप भी सुशील गुर्जर पर लगा. जबकि सुशील गुर्जर का कहना है कि जिस वक्त चीनू पंडित पर हमला हुआ उस दौरान वो अपने बीमार पिता के साथ देहरादून के एक अस्पताल में था.

क्या बोले सुशील गुर्जर?

सुशील गुर्जर ने कहा कि मेरे ऊपर जितने भी आरोप लगे हैं, सभी निराधार है, राजनीति से प्रेरित हैं. मैं लगातार समाज सेवा में अग्रणी रहा हूं. मेरे गांव मीरपुर की अलग पहचान है और क्षेत्र के लोगों से भी मेरे बारे में जान सकते हैं. राजनीति में मैं समाज सेवा करने के लिए आया हूं. ओमप्रकाश राजभर के विचार मुझे अच्छे लगते हैं और अब मैं पार्टी में रहकर पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगा.


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