यूपी – खैर उपचुनाव: 18 अक्टूबर को नामांकन, 13 नवंबर को मतदान, 23 नवंबर को होगी वोटों की गिनती, ये हैं दावेदार – INA

चुनाव आयोग ने अलीगढ़ में खैर विधानसभा के उपचुनाव की तारीखें घोषित कर दी हैं। यहां पर 18 अक्टूबर से नामांकन शुरू हो जाएंगे। अगले महीने 13 नवंबर को मतदान होगा। यूपी में उपचुनाव के नतीजे एक साथ 23 नवंबर को सामने आ जाएंगे। खैर विधानसभा के लिए अभी तक किसी भी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। चुनाव की तारीख घोषित होते ही दावेदारों में टिकट पाने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है।

अनूप प्रधान वाल्मीकि को खैर का विधायक रहते हुए भाजपा ने हाथरस लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। हाथरस से सांसद चुने जाने के बाद अनूप प्रधान वाल्मीकि ने खैर विधानसभा से विधायक पद छोड़ दिया। जिसके बाद खैर में उपचुनाव निर्धारित हुआ। खैर विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम चुनाव आयोग ने घोषित कर दिया है।

 

यह है चुनाव कार्यक्रम

  • अधिसूचना-18 अक्टूबर को
  • नामांकन की अंतिम तारीख- 25 अक्टूबर को
  • नामांन पत्रों की जांच- 28 अक्टूबर को
  • नाम वापसी की अंतिम तारीख- 30 अक्टूबर को
  • मतदान- 13 नवंबर को
  • मतगणना- 23 नवंबर को

अधिसूचना के बाद भाजपा प्रत्याशी की घोषणा


यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने नौ सीटों पर खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया है । साथ ही इन सीटों के लिए नौ प्रत्याशियों के नाम को भी फाइनल कर दिया है। यह भी तय किया गया है कि उप चुनाव नए चेहरों को ही अधिक मौका दिया जाएगा। हालांकि इन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा उप चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद की जाएगी।

भाजपा से दावेदार
दावेदारों की सबसे ज्यादा लंबी सूची भाजपा में थी। इनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और मध्यप्रदेश के दावेदार भी शामिल थे। इनमें से 10 नामों की सूची चुनाव प्रभारियों ने प्रदेश मुख्यालय को भेजी थी। इनमें से तीन नामों का पैनल पार्टी हाईकमान को भेजा गया है, जिनमें से एक नाम पर मुहर लगाई जानी है। इन तीन नामों में एक नाम दिवंगत पूर्व सांसद राजवीर दिलेर के पुत्र सुरेंद्र दिलेर, भोला दिवाकर , दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर देवराज सिंह का बताया जा रहा है। हाथरस सांसद अनूप वाल्मीकि की पत्नी लक्ष्मी का नाम भी चर्चा में है।

कांग्रेस से दावेदार
कांग्रेस-सपा गठबंधन से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने की संभावना अधिक है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सोमवीर सिंह ने दावेदारों के 22 नामों की सूची पार्टी नेतृत्व को भेजी है। इस सूची में रोहताश जाटव, कैलाश वाल्मीकि, सागर आदि नेताओं के नाम शामिल हैं। दूसरी ओर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की पुत्रवधू चारू केन ने भी कांग्रेस में शामिल होने का दावा किया है। चर्चा है कि चारू केन कांग्रेस से चुनाव लड़ सकती हैं। दूसरी ओर सपा के कई नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं।

रालोद से दावेदार


रालोद के कुछ नेताओं ने दावेदारी की थी। चूंकि रालोद भाजपा का गठबंधन है इसलिए टिकट के लिए रालोद नेताओं ने पार्टी हाईकमान के साथ-साथ भाजपा और संघ नेताओं से भी संपर्क साधा। अब भाजपा के तीन नामों का पैनल तैयार होने के बाद रालोद में बगावत की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। चर्चा है कि रालोद के नेता अन्य दल से चुनाव लड़ सकते हैं अथवा निर्दलीय भी मैदान में उतर सकते हैं।

त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
खैर सुरक्षित सीट पर लगभग 1.15 लाख जाट और 60 हजार से अधिक ब्राह्मण वोटर हैं। एससी वोटरों की कुल संख्या 1 लाख से ऊपर है। करीब 40 हजार वैश्य और करीब 30 हजार मुस्लिम वोटर हैं। जाटों की बहुतायत होने के चलते इस सीट को जाटलैंड कहा जाता है। भाजपा और रालोद का गठबंधन है, सपा और कांग्रेस का गठबंधन है। दूसरी ओर बसपा भी सक्रिय है, दलित वोटों के साथ अन्य में घुसपैठ की कोशिश में जुटी है। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं।


Credit By Amar Ujala

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