यूपी – दावे हवा हवाई: आगरा में व्यापारियों का 15 फीसदी घटा कारोबार, घाटा होने से 1086 ने छोड़ा व्यापार; जानें वजह – INA

ताजमहल, जूता, पेठा और दालमोठ… मतलब आगरा की बात हो रही है। बात जूते की करें तो देश में इसके व्यापार की चमक फीकी होती जा रही है। 1000 रुपये तक की कीमत पर 12 फीसदी जीएसटी से सस्ता जूता महंगा हो गया। 

घाटा होने पर 1086 कारोबारियों ने जूता कारोबार छोड़ दिया है। इसका असर देश के जूता कारोबार पर भी पड़ा और आगरा की हिस्सेदारी 15 फीसदी कम हो गई। द आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन ने इन तमाम बिंदुओं पर जीएसटी काउंसिल और वित्त मंत्री को रिपोर्ट भेजी है।


आगरा में जूता कारोबार से करीब तीन लाख परिवार जुड़े हुए हैं। देश में जूते के व्यापार में 65 फीसदी हिस्सेदारी आगरा के परिवारों की है। एक जनवरी 2022 को 1000 रुपये तक के जूते पर पांच से 12 फीसदी जीएसटी कर दी गई। सामग्री पर अलग-अलग जीएसटी लगने से लागत पहले के मुकाबले 50-60 फीसदी बढ़ गई। 
 


इससे बाजार प्रभावित हुआ और घाटा होने लगा। करीब ढ़ाई साल में 1086 ने जूता कारोबार बंद कर दिया। इसका असर देश में जूता कारोबार पर भी पड़ा और आगरा की 65 फीसदी हिस्सेदारी से घटकर 49.5 फीसदी रह गई है। ऐसे में 1000 रुपये तक के जूते पर फिर से जीएसटी पांच फीसदी किए जाने की मांग की जा रही है।
 


आंदोलन के बाद रेट सलेक्शन तक पहुंचा प्रस्ताव

जीएसटी कम करने के लिए बीते महीने आंदोलन करने पर जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने इनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। इनके पास करने के बाद प्रस्ताव रेट सलेक्शन कमेटी तक पहुंच गया है। वित्तमंत्री और जीएसटी काउंसिल के सदस्य सुरेश खन्ना की पैरवी के चलते फेडरेशन ने इसका ड्राफ्ट भेजा है।
 


एक परिवार रोजाना कमाता है 1500 रुपये

जूता कारोबार से जुड़ा एक परिवार 30-35 जोड़ी जूता तैयार करता है। इससे उनको मेहनताना 1000-1500 रुपये मिल जाते हैं। इस तरह से एक परिवार की महीने में 30-45 हजार रुपये कमाई हो जाती है। लघु उद्यम इनको घर पर कार्य कराने देते हैं। इनका कारोबार बंद होने पर ये बेरोजगार हो गए हैं।
 


कारोबार में आगरा की हिस्सेदारी हुई कम

फेडरेशन अध्यक्ष विजय सामा का कहना है कि 1000 रुपये तक के जूते पर 12 फीसदी जीएसटी से लागत 50-60 फीसदी बढ़ी है। इससे सही कीमत नहीं मिलने से लगातार नुकसान होने पर 1086 ने जूता कारोबार बंद कर दिया है। देश में व्यापार की हिस्सेदारी भी 15 फीसदी कम हो गई। ।
 


पांच फीसदी जीएसटी होने से बढ़ेगा व्यापार

फेडरेशन के कोषाध्यक्ष दिलप्रीत सिंह सचदेवा का कहना है कि 1000 रुपये तक के जूते पर पांच फीसदी जीएसटी होने से आगरा का व्यापार और रोजगार तेजी से बढ़ेगा। नए युवा उद्यमी भी व्यापार को . आएंगे, इससे सरकार की नौकरी देने वाले बनने की नीति भी कारगर होगी।
 


आंकड़े एक नजर में-

  • 16,421: कारोबारियों का है एसजीएसटी में पंजीकरण।
  • 3,00,000: परिवार जूता कारोबार से जुड़े हुए हैं।
  • 1800: थोक व्यापारी हैं जूता कारोबार के।

(आंकड़े द आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के मुताबिक)


Credit By Amar Ujala

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