यूपी – दिवाली पर लक्ष्मी का अनादर: झाड़ियों में मिली नवजात; कुत्तों ने नोंचा; बच्ची की सहनशीलता से डॉक्टर भी हैरान – INA

एक तरफ धनतेरस पर बेटी पैदा करने की चाह में गर्भवती महिलाओं ने सिजेरियन डिलीवरी के लिए डॉक्टर से पहले ही समय ले लिया, वहीं दूसरी ओर तीन दिन की नवजात झाड़ियों में घायल मिली। घटना मुरादाबाद के मैनाठेर थाना इलाके में गागन तिराहे के पास की है। धनतेरस पर यह घटना समाज को झकझोरने वाली है।

झाड़ियों में खूंखार कुत्ते मासूम के शरीर को नोच रहे थे, तभी एक बाइक सवार को बच्ची के रोने की आवाज आई। उसने स्थानीय लोगों की मदद से कुत्तों को भगाया। तब तक कुत्ते नवजात बच्ची के कूल्हे का मांस खा चुके थे। बच्ची की हालत नाजुक देखकर लोगों ने फौरन 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाई। 

पुलिस ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर बच्ची को दिखाया। वहां से उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया। वहां इमरजेंसी में डॉ. मनोज यादव ने बच्ची का उपचार किया। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की हालत अब स्थिर है। मरहम पट्टी करने के बाद उसे महिला अस्पताल में भेज दिया गया है। 

वहां डॉक्टरों की देखरेख में उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। वहीं मैनाठेर की पुलिस बच्ची के माता-पिता की तलाश में जुट गई है। बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचे एसआई धर्मपाल ने बताया कि आसपास लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।


बच्ची की सहनशीलता से डॉक्टर भी हैरान
जन्म देने वालों ने बेशक बिटिया को मरने के लिए छोड़ दिया हो, लेकिन ईश्वर ने उसे अटूट साहस देकर भेजा है। बच्ची की सहनशीलता से जिला अस्पताल के डॉक्टर भी हैरान हैं। डॉ. मनोज यादव ने कहा कि कुत्तों ने बच्ची के दाएं कूल्हे का मांस खा लिया है। उसकी हड्डी दिखने लगी है। 


इसके बावजूद उसकी स्थिति बता रही कि बिटिया कितनी मजबूत है। जिला अस्पताल में उसे एआरवी व सीरम की डोज दी गई है। इसके बाद दूध पिलाकर, मरहम पट्टी कर महिला अस्पताल के एसएनसीयू में भिजवा दिया गया है।
 


पढ़ाना तो दूर… बेटी बचा नहीं पा रहा समाज
मुरादाबाद में नवजात बच्ची के झाड़ियों में लावारिस मिलने की यह पहली घटना नहीं है। जून 2024 में शहर के एक निजी अस्पताल के टॉयलेट में साढ़े चार माह का भ्रूण मिला था। कोई महिला उसे टॉयलेट में छोड़कर चली गई थी। इससे पहले 2018 में मुरादाबाद-आगरा हाईवे से सटे कुलबाड़ा में सड़क किनारे घूर पर एक नवजात बच्ची रोती बिलखती मिली थी। 


इस बच्ची पर भोर में नमाज पढ़कर आ रहे लोगों की नजर पड़ी थी। बाल कल्याण समिति ने इलाज कराने के बाद में एडोप्ट सेंटर रामपुर भेज दिया, लेकिन उसके मां-बाप का पता नहीं चला। बाद में एक दंपती ने विधिक प्रक्रिया पूर्ण कराने के बाद उसे गोद ले लिया।

 


बच्ची के मां-बाप कौन हैं और यह सड़क किनारे क्यों फेंकी गई, इसकी जांच कराई जा रही है। आसपास के अस्पतालों से जानकारी ली जा रही है। जहां पर बच्ची मिली है, वहां आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज भी देखी जाएगी। -राजेश कुमार तिवारी, सीओ बिलारी


Credit By Amar Ujala

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