यूपी- न्यायिक प्रक्रिया का आधार सपने नहीं साक्ष्य होने चाहिए… संभल हादसे पर अखिलेश यादव ने SC से की ये मांग – INA

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से संभल हादसे का संज्ञान लेने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का आधार सपने नहीं बल्कि साक्ष्य होने चाहिए. सपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के संभल हादसे के लिए जिम्मेदार सभी लोगों और सर्वे करने वालों और इससे जुड़े अधिवक्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

अखिलेश यादव ने इस मामले में बार एसोसिएशन से भी उम्मीद जताई है कि वे इस पर दंडात्मक-अनुशासनात्मक कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता संघों को भी इस मामले में आगे आना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जिम्मेदार लोगों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि इस देश का अमन-चैन छीनने वाले नकारात्मक तत्व फिर कभी सिर न उठा सकें.

अगर लोगों का न्याय से भरोसा उठ गया तो…

सपा प्रमुख ने अपने ट्विटर पर लिखा कि संभल में सपनों के आधार पर सर्वे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अधिवक्ता संघों को भी आगे आना चाहिए क्योंकि अगर लोगों का न्याय से भरोसा उठ गया तो कोई भी उनके पास न्याय की उम्मीद लेकर नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि पेशेवर होने के नाते अधिवक्ताओं को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ेगा. यह उनके पेशे के सम्मान का भी मामला है.

इससे पहले सपा प्रमुख ने बीजेपी पर अधिकारियों पर दबाव बनाकर चुनाव जीतने का आरोप लगाया. सपा नेता ने कहा कि इसीलिए उन्होंने लोगों को गुमराह करने के लिए संभल में यह दंगा कराया है. उन्होंने संभल की घटना में सरकार की ओर से तस्वीरें जारी करने पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार तस्वीरें जारी कर रही है तो उसे उन बीजेपी समर्थकों की तस्वीरें भी जारी करनी चाहिए जो सर्वे के दौरान वहां मौजूद थे और नारे लगा रहे थे.

BJP मन विधान के आधार पर चलती है- अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी संविधान के आधार पर नहीं बल्कि मन विधान के आधार पर चलती है. वे वोट पाने के लिए मशीनरी का इस्तेमाल करते हैं. अगर ईवीएम की फोरेंसिक जांच कराई जाए, अगर ऐसी कोई जांच कराई जाए तो पता चलेगा कि एक ही व्यक्ति ने कई वोट डाले हैं. अखिलेश यादव ने आगे कहा कि यह झगड़ा लखनऊ और दिल्ली के बीच है. इसमें उत्तर प्रदेश का भाईचारा खत्म हो रहा है.




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