यूपी – पुलिस खाली हाथ: जज को घेरने वाले बदमाश कौन, घटना पर सब मौन, फिर खुलासा करेगा कौन – INA

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फर्रुखाबाद के न्यायाधीश डॉ. अनिल कुमार को हाईवे पर घेरने वाले बदमाशों का सुराग पुलिस पांच दिन बाद भी नहीं लगा सकी है। सफेद रंग की बोलेरो किसकी थी। कहां की थी इस सवाल का जवाब भी फिलहाल थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस के आला अफसरों तक पर नहीं है। जबकि पुलिस का दावा है कि अब तक 230 कैमरे चेक किए जा चुके हैं।

100 लोगों से घटना के संबंध में पूछताछ की जा चुकी है। अफसर बार-बार एक ही जवाब देते हैं कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में सफेद रंग की कोई बोलेरे अभी तक नहीं दिखी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि न्यायाधीश ने जिस सफेद रंग की बोलेरो का उल्लेख रिपोर्ट में किया है, वह गई तो गई कहां।

खैर कोतवाली में 9 नवंबर को दर्ज कराए गए मुकदमे के बाद एसएसपी संजीव सुमन ने घटना का खुलासा करने के लिए चार टीमों का गठन किया था। एसओजी, क्राइम ब्रांच के साथ ही खैर कोतवाली की दो टीमों को लगाया गया। इन टीमों ने हाईवे पर खेरेश्वर चौराहे से लेकर टप्पल इंटरचेंज तक 230 सीसीटीवी कैमरे चेक किए हैं। 100 लोगों से घटना के संबंध में पूछताछ भी की है। जज ने मुकदमे में जिस बोलेरो का जिक्र किया है उसका नंबर ही फर्जी निकला। नंबर के आधार पर बोलेरो अलीगढ़ की मानी जा रही थी। अब अलीगढ़ आरटीओ में पंजीकृत सभी 4095 बोलेरो की लोकेशन तलाशी जा रही है।


मुकदमे में जांच लगातार जारी है। अभी तक पूरी जांच में कहीं भी साफ नहीं हुआ है कि घटना में प्रयुक्त की गई बोलेरो अलीगढ़ नंबर की है। आरटीओ कार्यालय से भी पुष्टि कर ली गई है। फिर भी मामले में गहनता से जांच जारी है।– डीके सिसोदिया, प्रभारी निरीक्षक खैर
रिपोर्ट के आधार पर मामले में गहनता से जांच की जा रही है। इसमें क्राइम ब्रांच, एसओजी व कोतवाली थाने की दो टीमें जांच में जुटी है। अभी तक की जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। विवेचना जारी है।– वरुण कुमार सिंह, सीओ खैर
विशेष न्यायाधीश की गाड़ी को ओवरटेक करने व धमकाने के मामले में करीब 230 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया है। कहीं भी विशेष न्यायाधीश की गाड़ी के आस-पास या पीछे कोई भी गाड़ी पीछा करते हुए दिखाई नहीं पड़ी है। 100 से अधिक स्थानीय लोगों से भी घटना के बारे में जानकारी ली गई है। किसी ने भी घटना के बारे में कुछ भी नहीं देखा है और न ही कोई संदिग्ध कार पीछा करते हुए मिली है।– मुकेश चंद्र उत्तम, एसपी देहात
29 अक्तूबर की थी घटना…पुलिस ने 9 नवंबर को दर्ज किया था मुकदमा
नोएडा जाते वक्त न्यायाधीश के साथ घटना 29 अक्तूबर को हुई थी। जज ने घटना की जानकारी तत्काल उसी वक्त एसएसपी के पीआरओ और सोफा पुलिस चौकी इंचार्ज को दी थी लेकिन फिर भी पुलिस सक्रिय नहीं हुई। होना तो यह चाहिए था कि मौखिक जानकारी को ही प्रथम सूचना मान, उसी वक्त मुकदमा दर्ज कर पुलिस पड़ताल करती। लेकिन जब नौ नवंबर को न्यायाधीश ने घटना के संबंध में तहरीर भेजी और ईमेल किया तब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। कुल मिलाकर घटना के 12 दिन बाद पुलिस सक्रिय हुई। 

सुंदर भाटी गिरोह पर हमले की कोशिश का जताया था अंदेशा
कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी के गिरोह पर हमले की कोशिश करने का अंदेशा जताया गया है। कहा गया कि 2021 में न्यायाधीश ने इस गिरोह के सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसका बदला लेने के लिए गिरोह ने उन पर हमले की कोशिश की। एक संभावना उन्होंने रोडरेज की भी जताई थी। 


Credit By Amar Ujala

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