यूपी – बदायूं-बरेली हाईवे: मूल्यांकन और सत्यापन में फंसा किसानों का मुआवजा, अब तक पूरी नहीं हुई प्रक्रिया – INA

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बरेली-मथुरा हाईवे के चौथे चरण में बरेली से बदायूं तक 38.5 किलोमीटर लंबे मार्ग का चौड़ीकरण 1527 करोड़ रुपये की लागत से मंजूर हुआ है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक जमीन अधिग्रहण और परिसंपत्तियों के बदले मुआवजा देने पर 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। बरेली में 20 तथा बदायूं जिले में 13 गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण होना है। इन गांवों के किसानों को मुआवजे का इंतजार है। 

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 18 अक्तूबर को एक्स पर मंजूरी की जानकारी दी थी। एक महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन अभी तक किसी परिसंपत्ति के मूल्यांकन और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। एनएचएआई के परियोजना निदेशक उत्कर्ष शुक्ला ने लोक निर्माण विभाग के बरेली और बदायूं खंड को मूल्यांकन रिपोर्ट भेजी है। सत्यापन पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं को करना है, लेकिन बरेली-सितारगंज हाईवे के मूल्यांकन का सत्यापन करने के बाद हुई कार्रवाई का भय अभियंताओं में है। 
हर पहलू पर होगी जांच 
अभियंता हर पहलू पर जांच करना चाहते हैं ताकि भविष्य में कोई परेशानी न आए। वहीं जब तक मूल्यांकन और सत्यापन पूरा नहीं होता है तब तक भुगतान अटका रहेगा। वहीं बदायूं से लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अधिशासी अभियंता नरेश कुमार का कहना है कि अभी तक मूल्यांकन के सत्यापन के लिए कोई रिपोर्ट उनके पास तक नहीं आई है, अगर रिपोर्ट मिलती है तो सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कराएंगे।


सत्यापन के बाद निलंबित हो चुके हैं चार अभियंता व एक अमीन
बरेली-सितारगंज हाईवे के मूल्यांकन का सत्यापन करने पर सहायक अभियंता स्नेहलता श्रीवास्तव के साथ अवर अभियंता सुरेंद्र सिंह, राकेश कुमार, अंकित सक्सेना और अमीन शिवशंकर निलंबित हो चुके है। तत्कालीन अधिशासी अभियंता नारायण सिंह विभागीय कार्रवाई के घेरे में हैं। अभियंताओं और अमीन को लोक निर्माण विभाग ने आरोप पत्र जारी कर दिया है। अभियंताओं का कहना है कि जो मानक उन्हें बताए गए थे, उसके आधार पर सत्यापन किया गया।

एनएचएआई के परियोजना निदेशक उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि मूल्यांकन का सत्यापन करने के लिए एनएचएआई की ओर से पीडब्ल्यूडी को सूची भेजी गई है। सत्यापन के बाद भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। 


Credit By Amar Ujala

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