यूपी- भेड़िया, शूटर और हिंसा… कैसे 3 महीने से सुर्खियों में बना हुआ है बहराइच? – INA

उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला इस समय सुर्खियों में है. बहराइच में बीते रविवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल में रामगोपाल मिश्र नाम के व्यक्ति की मौत हो गई. इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर तोड़फोड़ आगजनी करने लगे. सोमवार सुबह-सुबह हालात इतने बेकाबू हो गए कि लखनऊ से पुलिस के आला अधिकारियों को भेजना पड़ा. फिलहाल पुलिस और प्रशासन की टीम हालात को काबू में पाने की कोशिश कर रही है. तनावपूर्ण स्थिति के बीच हिंसा प्रभावित इलाके में पुलिस बल की तैनाती की गई है. पुलिस टीमें गश्त कर रही हैं.

यह कोई पहली बार नहीं, बल्कि बहराइच बीते तीन महीनों से सुर्खियों में है. सुर्खियों में इसलिए, क्योंकि जिस हरदी थाना क्षेत्र के महसी इलाके में हिंसा हुई, वहीं पर कुछ समय पहले तक भेड़ियों का आतंक था. अभी भी भेड़ियों के हमले की छिटपुट घटनाएं सामने आती रहती हैं. वहीं दो दिन पहले मुंबई में एक शूटआउट हुआ, जिसमें मुंबई के बड़े नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में तीन शटूरों में से दो शूटर यूपी के बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव के रहने वाले हैं. इनमें से एक शूटर अभी फरार है.

सबसे पहले बात करते हैं भेड़ियों के हमले की. जुलाई की शुरुआत में हरदी थाना क्षेत्र के महसी इलाके दो-तीन गांवों में भेड़ियों के हमले की छिटपुट घटनाएं आना शुरू हुईं. पहले तो गांव वालों को लगा कि कोई तेंदुआ या बाघ ने हमला किया होगा, क्योंकि महसी इलाके से कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य सटा हुआ है. कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य में तेंदुओं और बाघों की ठीक-ठाक संख्या है. कभी-कभी ये वन्यजीव अभयारण्य से निकलकर रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं और हमला कर देते हैं. ऐसे में लोगों के जान-माल का नुकसान होता है.

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जुलाई से शुरू हुआ भेड़ियों का हमला

जुलाई की शुरुआत में शुरू हुआ हमला धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ तो गांव वाले दशहत में आ गए, क्योंकि शिकार बच्चों और बुजुर्गों का हो रहा था. गांव वालों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी. जब वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जंगली जानवर के पगचिन्हों की जांच की तो पता चला कि ये न तो तेंदुआ है और न ही बाघ, बल्कि भेड़िया हैं जो आदमखोर हो गए हैं. अब इलाके में भेड़ियों के हमले ने वन विभाग को भी चिंता में डाल दिया. इससे पहले ऐसा कोई भी हमला इनके द्वारा इलाके में नहीं किया गया था.

वन विभाग ने इनको पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. भेड़िया करीब सात बच्चों और एक बुजुर्ग महिला को निशाना बना चुके थे. वहीं भेड़ियों के हमले को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार भी अलर्ट हुई. वन विभाग के मंत्री अरुण कुमार सक्सेना खुद कैंप करने बहराइच पहुंच गए और पल-पल की अपडेट लेने लगे. लखनऊ से वन विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों को भेजा गया, कोतकाता से ड्रोन एक्सपर्ट बुलाए गए, पुलिस, वन विभाग, राजस्व कर्मी और तहसील कर्मियों की गावों में ड्यूटी लगाई गई. बीजेपी विधायक खुद बंदूक लेकर गांव में पहरा देने लगे.

35 गांवों में भेड़ियों के हमले की दहशत

गांव वाले खुद अपनी शिफ्ट लगाकर रात-रात भर लाठी लेकर पहरेदारी करने लगे. इन सबके बवाजूद भेड़ियों का हमला जारी रहा. भेड़ियों के हमलों से महसी इलाके के 35 गांवों में दहशत का माहौल रहा. दो महीनों तक चले अभियान में नौ बच्चों और एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. वहीं दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. वन विभाग ने अपने अभियान में पांच भेड़ियों को पकड़ लिया और उन्हें गोरखपुर-लखनऊ के चिड़िया घर में छोड़ दिया. वहीं एक भेड़िया अभी भी पकड़ में नहीं आया है.

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मुंबई में हुआ शूटआउट, बहराइच का जुड़ा नाम

सितंबर महीने के अंत बहराइच से भेड़ियों का मामला थोड़ा ठंडा हुआ तो अक्टूबर के महीने में फिर सुर्खियों में आ गया. इसी महीने 12 अक्टूबर को मुंबई में NCP (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या की इस वारदात को तीन शूटरों ने अंजाम दिया. इनमें से एक शूटर गुरमेल सिंह हरियाणा के कैथल का रहने वाला था, जबकि अन्य दो शूटर बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र गंडारा गांव के रहने वाले थे.

दोनों शूटरों के नाम धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम है. मुंबई पुलिस ने धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि शिवकुमार गौतम फरार है. पुलिस इसकी तलाश में जुटी है. पुलिस पूछताछ में धर्मराज कश्यप ने बताया कि वह यूपी के बहराइच जिले का रहने वाला है. वहीं शिवकुमार गौतम भी उसी के गांव का है. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि किसने कहने पर इन दोनों शॉर्प शूटर ने 1400 किलोमीटर दूर जाकर इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया?

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बाबा सिद्दीकी की हत्या में बहराइच का कनेक्शन अभी निकला ही था कि एक और कांड ने इसको सुर्खियों में ला दिया. जिस हरदी थाना क्षेत्र के महसी इलाके में भेड़ियों का आतंक था, वहीं पर बीते रविवार रात हिंसा भड़क उठी. दरअसल, एक पक्ष के लोग मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे, तभी रास्ते में समुदाय विशेष के साथ उनकी हिंसक झड़प हो गई. बवाल इस कदर बढ़ा कि हमले में रामगोपाल मिश्रा नाम के शख्स की मौत हो गई. इससे लोग उत्तेजित हो गए. आगजनी और तोड़फोड़ करने लगे.

हिरासत में लिए गए 30 उपद्रवी

लोगों ने दुकानों, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. हालात इस कदर बिगड़े की जिला पुलिस-प्रशासन संभालने में नाकाम साबित हुआ. दूसरे दिन यानि सोमवार को जब उपद्रवी फिर से सड़कों पर बवाल काटने लगे तो आनन-फानन में लखनऊ से आला अधिकारियों की पूरी फौज भेजी गई और जल्द से जल्द हालात को संभालने के निर्देश दिए गए. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीजीपी प्रशांत कुमार एक्टिव हुए. पुलिस ने मामले में 10 उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं 30 उपद्रवी हिरासत में लिए गए हैं.


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