यूपी – महंगाई: बरेली में तड़का और सलाद से गायब प्याज… कीमत 70 रुपये किलो, आलू-टमाटर के भी बढ़े भाव – INA

सालभर बाद एक बार फिर प्याज ने बगैर कटे ही लोगों के आंसू निकालने शुरू कर दिए हैं। वजह, कीमत में उछाल है। बरेली में प्याज 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। भाव बढ़ने से बिक्री भी घटी है। होटल, ढाबों पर सलाद से भी प्याज गायब होने लगा है। आलू व टमाटर के भाव भी बढ़े हैं।

डेलापीर मिलन वेजीटेबल फ्रूट मंडी ट्रेडर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष शुजा उर रहमान के मुताबिक मंडी में करीब सप्ताह भर पूर्व प्याज की कीमत में उछाल शुरू हुई थी। पांच-पांच रुपये बढ़ते हुए थोक भाव में 25 रुपये तक कीमतें बढ़ गई हैं। 

थोक में 55 से 60 रुपये किलो प्याज 

शुक्रवार को आढ़त पर 60 रुपये से भी ज्यादा प्याज के भाव पहुंच गए। इससे फुटकर की कीमतें भी बढ़ी हैं। सब्जी विक्रेता दुर्गेश के मुताबिक प्याज रविवार को थोक में 55 रुपये मिली। इसलिए उसे 70 रुपये प्रति किलो पर बेचा। कुछ सब्जी विक्रेताओं ने 70 से 80 रुपये किलो दाम पर प्याज की बिक्री की।


थोक कारोबारियों के मुताबिक बीते वर्ष भी अक्तूबर, नवंबर में प्याज के भाव बढ़े थे। क्योंकि बारिश के बाद बाजार में स्थानीय स्तर पर प्याज की उपलब्धता प्रभावित होती है। दूसरे राज्यों से प्याज मंगाने की वजह से कीमत पर असर पड़ता है। बीते वर्ष 80 रुपये प्रतिकिलो तक प्याज बिका था।

ग्राहक की संतुष्टि जरूरी, मांगने पर मिल रहा पीस
प्याज महंगा होने पर होटल, ढाबों पर सलाद से भी गायब हो रहा है। ढाबा संचालक विजय तलवानी के मुताबिक सलाद में खीरा, मूली, नींबू दे रहे हैं। ग्राहक की मांग पर प्याज देते हैं, क्योंकि ग्राहक का संतुष्ट होना जरूरी है। होटल एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना के मुताबिक गुणवत्ता के लिए प्याज का उपयोग बंद नहीं कर सकते। कुछ होटलों में कटौती हो रही है।

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भारत से खूब निर्यात भी हो रहा
उप्र उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र गुप्ता के मुताबिक सरकार ने प्याज से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (एमईपी) की सीमा हटा दी है। इसकी वजह से अब देश में प्याज का उत्पादन कर रहे बड़े किसान ज्यादा मात्रा में अच्छी कीमत पर प्याज विदेश में निर्यात कर रहे हैं। इससे भी घरेलू बाजार में प्याज की आवक घटी है और कीमतें प्रभावित हुई हैं।

स्थानीय आवक कम, बाहरी राज्यों से मंगा रहे स्टॉक
शुजा उर रहमान के मुताबिक स्थानीय प्याज की आवक न होने से बाहरी राज्यों से स्टॉक मंगाया जा रहा है। फिलहाल नासिक का प्याज मंडी में है। चूंकि बीते दिनों भारी बारिश से कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व अन्य प्याज उत्पादक राज्यों में फसलें खराब हुई हैं। इसलिए उपलब्धता सीमित होने के कारण कीमतों पर असर पड़ा है।
 


टमाटर और आलू के भाव भी पांच-दस रुपये बढ़े
सब्जी विक्रेता दुर्गेश के मुताबिक आलू, टमाटर के भाव थोक में पांच से दस रुपये तक बढ़ने से रविवार को फुटकर में पुराना आलू 30 और नया आलू 35 रुपये प्रति किलो बिका। मंडी में भाव 22 से 28 रुपये प्रति किलो रहा। वहीं टमाटर मंडी में 30 से 40 रुपये और फुटकर में 40 से 50 रुपये कीमत पर बिका। गोभी, सोया मेथी, धनिया, मिर्च, शिमला मिर्च, लौकी, बीन्स, सेमी आदि हरी सब्जियों के भाव 20 से 40 रुपये प्रति किलो हैं।


Credit By Amar Ujala

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