यूपी- मेरठ: वसूली करने पहुंचे थे दो दरोगा… ग्रामीणों ने पकड़ा, बंधक बनाया और फिर जमकर हुई पिटाई – INA

उत्तर प्रदेश के मेरठ के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के गांव गोविंदपुरी में पटाखों की अवैध बिक्री की करने वाले से वसूली करने वाले दो दरोगा को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया गया. ग्रामीणों पर उनकी पिटाई करने का भी आरोप है. वहीं दरोगा सत्येंद्र और शिवम पर आरोप है कि उन्होंने शराब के नशे में एक युवक से अवैध वसूली करने की कोशिश की. इस पूरे मामले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में दरोगा एक घर के अंदर ग्रामीणों पर अपनी पिस्टल ताने खड़ा दिखाई दे रहा है. वहीं जानकारी के बाद एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने सीओ सदर देहात को जांच के आदेश दिए हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि दरोगा सत्येंद्र और शिवम अवैध पटाखों की बिक्री की आड़ में वसूली करने पहुंचे थे. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों दरोगा शराब के नशे में थे और पटाखा बेचने का आरोप लगाकर पिंटू नाम के युवक से पैसे मांग रहे थे. कहासुनी के बीच दोनों ने बुजुर्ग महिला को थप्पड़ मारा दिया. बुजुर्ग महिला को थप्पड़ मारने का विरोध करने पर युवक हरेंद्र के साथ भी मारपीट की. इसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई और लगभग 20-25 लोग एकत्र हो गए. उन्होंने दोनों दरोगा को घेर लिया और बंधक बना लिया.

दरोगा ने लोगों पर तानी पिस्टल

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हैं. दरोगा सतेंद्र के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित भी हैं. जबकि दूसरे वीडियो में देखा जा सकता है कि दरोगा ने घर के अंदर ही अपनी पिस्टल ग्रामीणों पर तान रखी है और वीडियो में किसी महिला की आवाज भी आ रही है. दरोगा लोगों को गोली मारने की धमकी दे रहा है. वहीं एक और वीडियो में दरोगा ग्रामीणों से हाथ जोड़ कर हिंसा न करने की बात कह रहा है. वहीं ग्रामीण पुलिस पर जबरन वसूली, महिला के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे हैं.

ग्रामीणों ने लगाया गंभीर आरोप

इस घटना के बारे में ग्रामीणों ने कंट्रोल रूम को सूचित किया. जिसके बाद परीक्षितगढ़, किठौर, मवाना और भावनपुर थानों की पुलिस भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंची. सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला भी मौके पर पहुंचीं और तीन घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों को शांत कर दोनों दरोगाओं को छुड़वाया. ग्रामीणों का कहना है कि दरोगा सत्येंद्र खुद को सीओ का खास बताकर दुकानदारों को परेशान करता था.

पुलिस ने दोनों दरोगा को थाने ले जाकर मेडिकल कराने की योजना बनाई लेकिन मेडिकल से पहले ही दोनों पुलिसकर्मी थाने से फरार हो गए. आरोपितों ने अपने मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिए. ग्रामीणों का आरोप है कि दरोगा की वसूली की शिकायतें पहले भी की जा चुकी हैं. एसएसपी विपिन ताडा ने मामले की जांच सीओ सदर देहात को सौंप दी है. उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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