यूपी- यूपी को जनवरी में मिलेगा नया बीजेपी अध्यक्ष, दलित और महिलाओं को संगठन में तवज्जो देने का प्लान – INA

उत्तर प्रदेश को नए साल में बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा. बीजेपी में संगठन की चुनावी एक्सरसाइज शुरू हो गई है. लखनऊ में बुधवार को विश्वेश्वरैया सभागार में हुई बीजेपी प्रदेश स्तरीय बैठक में तय किया गया है कि 30 नवंबर तक सभी बूथ कमेटियां गठित कर ली जाएंगी. इसके बाद मंडल और जिला अध्यक्षों का चुनाव होगा, फिर कहीं जाकर नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी. बीजेपी सूबे के नए संगठन में जातीय बैलेंस बनाने के साथ-साथ एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग बनाने की रणनीति है.

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े को संगठनात्मक चुनाव में उत्तर प्रदेश का पर्यवेक्षक बनाया गया है. इसके अलावा हर तीन जिलों पर एक केंद्रीय पर्यवेक्षक तय किया जाएगा. विनोद तावडे एक दिसंबर को उत्तर प्रदेश संगठन चुनाव के संबंध में आयोजित होने वाली बैठक में शिरकत करेंगे, जब तक पार्टी बूथ कमेटियां पूरी तरह गठन कर करने की तारीख तय की गई है. इसके अलावा बीजेपी ने इस बार संगठन में मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के उम्र लिमिट तय की है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल पूरा हो चुका है और उनकी जगह पर नए अध्यक्ष का चुनाव होना है. इससे पहले बीजेपी सभी बूथ कमेटी का गठन करने में लगी है, जिसके लिए 30 नवंबर की टाइम लाइन रखी गई है. यूपी में करीब 1.62 लाख से ज्यादा बूथों पर गठन होना है, जिसमें 35 फीसदी बूथों पर कमेटियां गठित हो चुकी हैं, जबकि बाकी बची बूथ कमेटियों का गठन 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए. इसके बाद फिर एक से 15 दिसंबर के बीच मंडल अध्यक्ष और 16 से 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया चलेगी. इससे पहले जिला स्तर पर बीजेपी कार्यशालाएं आयोजित करेगी.

बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव की समीक्षा और आगे के दिशा निर्देश के लिए लखनऊ में बुधवार को प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई गई थी. इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय सह चुनाव अधिकारी नरेश बंसल, प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, संगठन चुनाव अपील समिति के प्रदेश संयोजक राजेंद्र अग्रवाल और सुरेश राणा सहित बीजेपी के दिग्गज नेता शिरकत किए थे. इस दौरान बीजेपी संगठन को नए रूप देने और सामाजिक समीकरण साधने का प्लान बनाया गया है.

बीजेपी ने संगठन में तय की उम्र लिमिट

बीजेपी ने संगठन में युवाओं को अहमियत देने के उम्र लिमिट तय कर दी है. प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल ने बताया कि मंडल अध्यक्ष की आयु 35 से 45 वर्ष के बीच और जिलाध्यक्ष की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच होगी. ऐसे में साफ है कि बीजेपी 45 साल से ऊपर के उम्र वालों को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाएगी और न ही 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपेगी. बीजेपी ने तय किया है कि दो बार मंडल अध्यक्ष रहने वाले नेताओं को तीसरी बार मंडल अध्यक्ष नहीं बनाएगी. इसके अलावा बीजेपी ने जिला अध्यक्ष के लिए तय किया है कि जिला अध्यक्ष की कमान उसे ही मिलेगी, जो 7 से 8 साल तक संगठन में काम करने का अनुभव होगा. इसके अलावा मौजूदा समय में बीजेपी के संगठन में किसी पद पर होना हो, उसे ही पार्टी जिले का अध्यक्ष बनाएगी.

बूथ कमेटी में बड़ा बदलाव किया गया

बीजेपी यूपी में करीब 1.62 लाख से ज्यादा बूथों पर गठन होना है, जिसमें 50 हजार बूथों पर कमेटियां गठित हो चुकी हैं. बीजेपी बूथ स्तर पर मजबूत होने के लिए ही 11 सदस्यीय कमेटी गठित कर रही है, जिसमें दो सक्रिय सदस्य को रखना जरूरी है. बीजेपी ने एक बूथ अध्यक्ष, एक बूथ सचिव, एक लाभार्थी प्रमुख और एक वॉट्सएप ग्रुप का प्रमुख होगा. इसके अलावा बाकी बूथ सदस्य होंगे. बीजेपी ने रणनीति बनाई है कि एक विधानसभा क्षेत्र में 4 बूथ अध्यक्ष होंगे तो वो सभी अलग-अलग जातियों से होंगे. इस तरह विधानसभा के चार प्रमुख जातियों को साधने की रणनीति मानी जा रही है.

दलित और महिलाओं पर फोकस

बीजेपी की उत्तर प्रदेश में अपने संगठन के जरिए एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग बनाने की रणनीति है. बीजेपी के नए संगठन में सभी जातियों और वर्गों का बैलेंस बनाने की है. महिलाओं और दलितों को खास अहमियत दी जाएगी. बैठक में राष्ट्रीय सह चुनाव अधिकारी नरेश बंसल ने कहा कि संगठन में सभी जातियों और वर्गों को उचित स्थान दिया जाएगा. बैठक में यह भी कहा गया कि महिलाओं और दलितों की सहभागिता बढ़ाने पर बीजेपी खास ध्यान देगी ताकि राजनीति में उन्हें उचित प्रतिनिधित्व मिल सके. बैठक में साफ तौर पर कहा गया है कि बीजेपी कोई परिवारवादी पार्टी नहीं, बल्कि परिवार भाव से चलने वाली पार्टी है. बीजेपी दलित और महिलाओं को संगठन में जगह देकर भविष्य की राजनीति को साधने की स्ट्रैटेजी है.


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