यूपी- लखनऊ: ‘कोई नेता आया और बेटे को थाने में पिटवाया…’ पुलिस कस्टडी में युवक की मौत पर घरवालों के आरोप, इंस्पेक्टर सहित तीन पर FIR – INA

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस कस्टडी में कपड़ा कारोबारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. परिवार वालों ने पुलिस पर पीट-पीटकर उसकी हत्या किए जाने का आरोप लगाया है. मृतक की मां ने लखनऊ की चिनहट कोतवाली के इंस्पेक्टर सहित अन्य लोगों पर एफआईआर कराई है. उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे को किसी नेता के इशारे पर बुरी तरह पीटा गया और उसकी हत्या कर दी.

लखनऊ के जैनाबाद निवासी तपेश्वरी देवी ने दर्ज कराई एफआईआर में बताया कि 25 अक्टूबर को उनके बेटे मोहित पांडे का लौलाई चिनहट निवासी आदेश के साथ मामूली विवाद हुआ था. दोनों ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस बुला ली. पुलिस आई और उसके बेटे मोहित को रात करीब 10 बजे पकड़कर चिनहट थाने ले गई. रात करीब 11 बजे उन्होंने अपने बड़े बेटे शोभराज को थाने भेजा. पुलिस ने उसे भी लॉकअप में बंद कर दिया और कहा कि तुम दारु पिये हुए हो.

परिजन बोले- नेता ने मरवाया बेटे को

उनका आरोप है कि पुलिस ने दूसरे पक्ष के लोगों को छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि आरोपी आदेश के चाचा नेता है, उसने कहा था कि पुलिस में हमारी अच्छी पकड़ है. इन लोगों को थाने ले जाओं वहीं इनका काम खत्म करवा देंगे. पीड़िता ने बताया कि उनके दोनों बेटों को अलग-अलग रखा गया. बहुत देर बाद दोनों भाइयों को एक जगह बंद किया गया. आरोप है कि उन्हें एक साथ बंद करने से पहले मोहित को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसकी लॉकअप में ही मौत हो गई.

प्यास से तड़पता रहा मोहित

मृतक मोहित की मां की तहरीर पर थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी, आदेश और उसका नेता चाचा, अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मृतक मोहित के भाई शोभराज ने बताया कि पुलिस ने उसके भाई को रात में इतना टॉर्चर किया कि उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि पुलिस की पिटाई से उसका भाई अधमरा हो गया. वह पुलिसवालों से पानी मांगता रहा लेकिन प्यासे तड़पते उसके भाई को एक बूंद पानी नहीं दिया गया. उसके एक परिजन रामदेश पांडे ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस मोहित को पकड कर लेकर गई थी.

पुलिस पर रातभर पिटाई का आरोप

आरोप है कि पुलिस ने रातभर उसकी पिटाई की. थाने में कोई नेता आया, उसने मोहित को पुलिस से पिटवाया. उसे विधिवत इतना पिटवाया कि उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया. पुलिस ने उन्हें धक्का-मुक्की कर वहां से बाहर भेजा. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग करते हुए गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर दी. वह वहीं धरना प्रदर्शन करने लगे. बाद में मृतक की मां की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया.

नहीं थम रहे पुलिस कस्टडी में मौत के मामले

प्रदेश में पुलिस हिरासत में मौत के मामले थम नहीं रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में पुलिस हिरासत में 501 मौतें हुईं जबकि इससे पहले यानी 2020-21 में हिरासत में मौत के 451 मामले दर्ज किए गए. इसी वर्ष मई महीने में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चिपियाना चौकी में एक युवक की संदिग्ध हालात में हुई थी. पुलिस चौकी में उसका शव फांसी के फंदे पर लटका मिला था. अब राजधानी लखनऊ में पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया है.


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