सात महीने से वेतन न मिलने से गुस्साए नौ नलकूप कर्मचारी 28 नवंबर को महेंद्रनगर कालीदह स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। इसके बाद दो घंटे तक जबरदस्त हंगामा होता रहा। पुलिस और जल निगम के अफसरों के समझाने पर कर्मचारी टंकी से उतरे। नगर आयुक्त ने इन कर्मियों को शुक्रवार को आफिस में बुलाया है, ताकि उनका वेतन भुगतान हो सके।
दोपहर एक बजे महेंद्र नगर स्थित पानी की टंकी पर नौ नलकूप कर्मचारी चढ़ गए। उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह पानी की टंकी से कूदकर अपनी जान दे देंगे। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंच कर पुलिस ने कर्मचारियों को समझने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद जल निगम विभाग के अफसर भी पहुंच गए। उन्होंने जल्द से जल्द वेतन दिलवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारी पानी की टंकी से उतरे।
इन कर्मचारियों को सात महीने से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों ने नगर निगम में धरने की चेतावनी दी थी। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन नहीं मिलने की वजह से उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। जल निगम ने नगला मसानी, महेंद्र नगर कालीदेह, भुजपुरा और मथुरा रोड पर नलकूप बनवाए थे। नलकूप संचालन के लिए 13 कर्मचारी रखे गए थे, जिन्हें जल निगम ने फरवरी 2024 तक वेतन दिया था।
मार्च 2024 को नगर निगम के जलकल विभाग को हस्तांतरित कर दिया था। इसके साथ ही इनके वेतन की जिम्मेदारी भी जलकल विभाग पर आ गई। पीड़ित 13 कर्मचारियों में विष्णु कुमार, डाल चंद्र, जितेंद्र कुमार सारस्वत, भगवान सिंह, मानिक चंद्र, ओमप्रकाश, बिट्टू, जितेंद्र कुमार जैन, बबलू खान, शाहरुख, हनीफ, मुमताज अहमद, सूरज को वेतन नहीं मिल पाया है।
कर्मचारियों को 29 नवंबर आज नगर निगम बुलाया गया है। उनकी पत्रावलियां देखी जा रही हैं। उन्होंने जितने महीनों तक काम किया है, उसका वेतन दिया जाएगा।-विनोद कुमार, नगर आयुक्त।