विशाल हत्याकांड में साजिकर्ता के रुप में नामजद विनोद जायसवाल को उसकी पत्नी व परिजनों ने बेकसूर बतात हुए एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। सोमवार को पत्नी व परिजनों ने भाजपा नेता हरेंद्र जायसवाल के साथ एसपी से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाया है।
पत्नी की माने तो जिस समय विशाल की हत्या हुई उस समय उसके पति जिला मुख्यालय जमीन संबंधी कार्य के सिलसिल में मौजूद थे। पति का उन युवकों से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।
नामजद विनोद जायसवाल की पत्नी प्रिया जायसवाल ने एसपी संकल्प शर्मा को दिए गए आवेदन में कहा कि मेरे पति विनोद जायसवाल को विशाल सिंह की हत्या में झूठा आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है। विशाल सिंह की हत्या जिन युवकों ने की उनके साथ मेरे पति का कोई संबंध नहीं है। कभी कोई मुलाकात या फोन पर बातचीत भी नहीं हुई है। न ही कोई जान पहचान है।
प्रशासन चाहे तो उनके मोबाइल का कॉल डिटेल भी खंगाल सकता है। जिस समय हत्या हुई है उस समय मेरे पति देवरिया में सूरज जायसवाल को लेकर इंजीनियर पीडी पाठक के ऑफिस में 6:30 से लेकर 8:10 तक उपस्थित थे। वह मकान के नक्शे के विषय में बात करने के लिए वहां गए थे, वहां रहने का पुख्ता प्रमाण उनके कार्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी है।
प्रिया ने एसपी से गुहार लगाते हुए कहा कि जिस जमीन का मामला दिखा कर झूठे केस में फंसाया जा रहा है। उस जमीन का मुकदमा आठ साल से न्यायालय में चल रहा था, जिसका फैसला मेरे पति विनोद जायसवाल के पक्ष में आया है। विशाल हत्याकांड में जमीन मामले को दिखाकर झूठा केस करना तार्किक नहीं है और कोई आधार नहीं बनता है।
केस हारने पर बदले की भावना से विशाल हत्याकांड के झूठे केस में मेरे पति को फंसाया जा रहा है। प्रिया जायसवाल ने एसपी से गुहार लगाते हुए कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाय, ताकि झूठे केस में फंसने से मेरे निर्दोष पति बच जाय और मुझे न्याय मिल सकें।उसने अपने आवेदन की एक प्रतिलिपि सीएम, डीजीपी, पुलिस महानिरीक्षक गोरखपुर सहित अन्य को भेजा है।