यूपी – वीरता सम्मान 2024: अपनों के खोने की पीर तो थी लेकिन गर्व से दमक रहे थे चेहरे, 17 शहीदों के परिजन हुए सम्मानित – INA

गाजीपुर जिले में अमर उजाला की ओर से वीरता सम्मान 2024 का आयोजन सोमवार को महुआबाग स्थित कान्हा हवेली में किया गया। इस दौरान अमर शहीदों को नमन करते हुए उनकी वीरगाथा सुनाई गई। इस अवसर पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। सम्मान ग्रहण करते परिजनों के चेहरे पर अपनों के खोने की पीर तो थी लेकिन गर्व से चेहरे दमक रहे थे। दिन में 11 बजे से आयोजित यह कार्यक्रम दोपहर ढाई बजे तक चला।

एसपी डॉ. ईरज राजा, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल के साथ कार्यक्रम के टाइटल स्पांसर श्री राधे कृष्ण ज्वेलर्स के प्रोप्राइटर दिलीप अग्रहरि आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर 17 शहीदों के परिजनों को अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया। वहीं, इसके पहले रामदूत इंटर नेशनल स्कूल की कक्षा आठ की छात्रा अनुष्का यादव ने भरत नाट्यम प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। इसी स्कूल के छात्राओं देशभक्ति गीत मिट्टी में मिल जावा…की शानदार प्रस्तुति दी। 

संत कबीर पब्लिक स्कूल तुलसीपुर के छात्रों ने सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर भावपूर्ण एकांकी प्रस्तुत किया। एवर ग्रीन पब्लिक स्कूल की छात्रा-भारत की दुनिया में सबसे बड़ी शान है…समूह गायन प्रस्तुत किया। इसके पहले डॉ. माया नायार और पुनीता यादव ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। संचालन वाराणसी के शुभम तिवारी ने किया।

प्रमुख लोगों ब्लॉक मरदह सीता सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनक कुशवाहा, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व जिलाध्यक्ष अंबिका दुबे, अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के जिला मंत्री ओम प्रकाश तिवारी, यादव महासभा के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव, साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमर नाथ तिवारी, साहित्यकार कामेश्वर द्विवेदी, कवि दिनेश शर्मा आदि मौजूद रहे।


यहां आने पर मुझे पता चला है कि इस जनपद से अधिक फौजी शायद किसी जनपद में नहीं है। फौजियों के बाहर रहने पर उनके परिवार को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका ख्याल रखा जाता है। उनकी समस्यायों के निदान के लिए तत्काल रिस्पांस सिस्टम बनाया गया है। मेरा सौभाग्य है कि वीरों की इस धरती पर मुझे सेवा करने का मौका मिला है। -डॉ. ईरज राजा, एसपी
 
अमर उजाला को इस तरह के आयोजन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए। शहीदों के परिवार के साथ हम हर समय खड़े हैं। -सपना सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष

फौजियों के कारण जनपद की अलग पहचान है। बड़ी संख्या में यहां के युवा मां भारतीय की सेवा में लगे हैं। इस तरह के आयोजन के लिए अमर उजाला परिवार को धन्यवाद देना चाहती हूं। ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए। -सरिता अग्रवाल, नगर पालिका अध्यक्ष

इन्हें भी किया गया सम्मानित


कार्यक्रम में अमर उजाला के साथ टाइटल स्पांसर श्री राधे कृष्ण ज्वेलर्स के प्रोप्राइटर दिलीप अग्रहरि और आयोजन में सहयोगी अग्रवाल पैलेस (अग्रवाल स्वीट्स) के संदीप अग्रवाल रिंकू, रामसखी देवी मेमोरियल सेवाश्रम हॉस्पिटल के डॉ डीपी सिंह, चिन्मय भारत एकेडमी, श्री स्वीट्स हॉउस, अजीत क्लोथ स्टोर, वेद इंटरनेशनल स्कूल से उप प्रधानाचार्य राजेश कुमार श्रीवास्तव, सनबीम स्कूल, मॉउंट लिट्रा जी स्कूल, मां गिरिजा टाइल्स एंड सेनेटरी के प्रोप्राइटर नागेंद्र पांडेय और उनकी पत्नी आराधना पांडेय, जायसवाल टीवीएस को भी सम्मानित किया गया।
 
ये हुए सम्मानित
अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद :
1965 के युद्ध की चर्चा हो तो अब्दुल हमीद की वीरता का जिक्र जरूर आता है। अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद ने जीप में बैठकर पाकिस्तान के एक-दो नहीं सात-आठ पैटन टैंकों को बर्बाद कर दिया था। अब्दुल हमीद की वीरता की इसलिए भी मिसाल दी जाती है, क्योंकि उस वक्त पैटन टैंकों को अजेय माना जाता था। हमीद ने मैदान ए जंग में पाकिस्तानी पैटन टैंकों की कब्रगाह बना दी। युद्धक्षेत्र में ही 10 सितंबर, 1965 को अब्दुल हमीद शहीद हुए, हालांकि तब तक वह अप्रतिम शौर्य की अविस्मरणीय दास्तां लिख चुके थे। इनके पौत्र सलीम आलम सम्मान लेने पहुंचे।
 
अमर शहीद रामउग्रह पांडेय: जखनियां तहसील अंतर्गत ऐमाबंशी गांव निवासी रामउग्रह पांडेय 1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे (जो अब बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है) पर 22-23 नवंबर 1971 की रात में वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके वीरगति प्राप्त होने के बाद 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन राष्ट्रपति बीबी गिरी द्वारा शहीद रामउग्रह पांडेय की धर्मपत्नी श्यामा देवी को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। इनकी बेटी सुनीता पांडेय ने सम्मान लिया।
 
अमर शहीद जयप्रकाश यादव: भेलमपुर उर्फ पंडितपुरा के जयप्रकाश यादव की शादी 12 मई 1999 को हुई थी। लेकिन, कारगिल का युद्ध छिड़ने की सूचना मिलते ही वह शादी के बाद बिना समय गंवाए देश की सीमा पर डट गए और मां भारती की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। इनका सम्मान मां ललीता यादव ने लिया।


अमर शहीद कमलेश सिंह: भैरोपुर गांव निवासी का कमलेश सिंह सात जून 1999 को घर आने वाले थे, लेकिन कारगिल युद्ध शुरू होने पर छुट्टी पर नहीं आए और देश सेवा करते हुए शहीद हो गए थे, जिनका सम्मान मां केशरी देवी ने लिया।
 
अमर शहीद शेषनाथ यादव: नंदगंज क्षेत्र के बाघों निवासी शेषनाथ यादव करगिल के जंग में शहीद हो गए। इनकी पत्नी सरोज यादव पति की याद में शहीद स्मारक का निर्माण खुद अपने पैसे से करवाया और मूर्ति भी स्थापित की। हर वर्ष कार्यक्रम भी अपने पैसे से करती आ हैं। इनका सम्मान उनकी पत्नी सरोज देने लिया प्राप्त किया।
 
अमर शहीद रामदुलार यादव: पडैनिया गांव के रामदुलार यादव ने 21 अगस्त 1999 को देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। गांव स्थित मैदान के पास शहीद की प्रतिमा लगाई गई है। वहां पर हर वर्ष 21 अगस्त को शहादत दिवस का आयोजन किया जाता है, जिनका सम्मान मां प्रमीला देवी लेने आई थी।
 
अमर शहीद संजय यादव: धनईपुर में जन्मे संजय सिंह यादव एक सितंबर 1999 को कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। वो कुमाउं बटालियन के 11वीं रेजीमेंट में तैनात थे, जिनका सम्मान उनकी पत्नी राधिका देवी ने लिया।
 
अमर शहीद राजकुमार सिंह: जमानिया क्षेत्र के बरूईन निवासी शहीद राजकुमार सिंह सन 1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध में शामिल थे। 9 दिसंबर 1971 को मात्र 24 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त हुए। वीरगति के समय इनकी पुत्री केवल 3 वर्ष की थी। इनका सम्मान उनकी बेटी कमलेश सिंह ने प्राप्त किया।


अमर शहीद शशांक सिंह: कासिमाबाद क्षेत्र के नसीरूद्दीनपुर गांव निवासी शशांक ने पुत्र देश सेवा में 22 नवंबर 2016 को जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की बैट टीम द्वारा किए गए कायराना हमले में शहीद हो गए थे। इनका सम्मान पिता अरुण कुमार सिंह लेने आए।
 
अमर शहीद हरेंद्र यादव: मरदह थाना क्षेत्र के देऊपुर (पाही) गांव निवासी अमर शहीद जवान हरेंद्र यादव 18 सितंबर 2016 को उरी हमले में शहीद हुए 17 रणबाकुरों में शामिल थे। इनकी माता प्रभावती देवी ने सम्मान प्राप्त किया।
 
अमर शहीद फैयाज अहमद: मरदह ब्लाक के गेहुड़ी गांव निवासी शहीद फैयाज अहमद ने 1962 में भारत – चीन युद्ध के दौरान देश सेवा में अपनी कुर्बानी दी थी, जिनके पुत्र ईरशाद अहमद ने सम्मान प्राप्त किया।
 
अमर शहीद चंद्रिका सिंह: मटेंहू गांव निवासी चंद्रिका सिंह भारत-चीन के लड़ाई में वर्ष 1962 में शहीद हुए थे। इनके भतीजे राजेश कुमार सिंह ने सम्मान प्राप्त किया।


अमर शहीद रामदेव सिंह: हरहरी गांव निवासी रामदेव सिंह 1948 में भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े जंग में कई दिनों तक सीमा पर मोर्चा लेते हुए दर्जनों दुश्मनों को धूल चटाई। मां भारती के सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी। इनके नाती राजेश सिंह ने सम्मान प्राप्त किया।

 

अमर शहीद राधेश्याम सिंह: मरदह गांव निवासी शहीद राधेश्याम सिंह सन् 1984 में सेना द्वारा चलाए गए ब्लू स्टार अभियान में आतंकवादियों से मुठभेड़ लेते हुए शहीद हो गए। इनकी पत्नी बिंदु देवी ने सम्मान प्राप्त किया।

 

अमर शहीद महेश कुशवाहा: सदर कोतवाली क्षेत्र के जैतपुरा गांव निवासी सीआरपीएफ जवान महेश कुमार कुशवाहा वर्ष 2019 में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। इनकी पत्नी निर्मला कुशवाहा ने सम्मान प्राप्त किया।

 

काशीनाथ सिंह: करंडा थाना क्षेत्र के लखचंदपुर गांव निवासी काशीनाथ सिंह भारत-चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध के शहीद हो गए थे, जिनके पुत्र धर्मराज सिंह ने सम्मान प्राप्त किया।

 

शहीद राम विलासः सैदपुर पहिया निवासी शहीद राम विलास 1999 के युद्ध में शहीद हो गए थे। इनकी पत्नी पुष्पा देवी ने सम्मान प्राप्त किया।


Credit By Amar Ujala

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